By अभिनय आकाश | Feb 15, 2023
असम सरकार ने बाल विवाह को लेकर कड़ा रुख अख्तियार किया हुआ है। सरकार के आदेश पर ताहड़तोड़ गिरफ्तारियां की जा रही हैं। ऐसे में अब इस मामले पर गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा है कि इस तरह के मामलों में बड़ी संख्या में गिरफ्तारियों से लोगों के निजी जीवन में असर पड़ा है। बता दें कि पूरे असम में कथित रूप से बाल विवाह से जुड़े 3,000 से अधिक लोगों को अब तक हिरासत में लिया गया है और अस्थायी जेलों में रखा गया हैं। असम सरकार के इस कदम का महिलाओं ने विरोध किया और अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले की गिरफ्तारी किए जाने की निंदा की है।
विशेषज्ञों ने बाल विवाह के मामलों में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण या पोस्को अधिनियम को लागू करने की वैधता पर भी संदेह जताया है। पॉक्सो कानून के तहत आरोपित नौ लोगों को गिरफ्तारी से पहले जमानत देते हुए, गोवाहाटी हाई कोर्ट ने कहा कि ये ऐसे मामले नहीं हैं जिनमें हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता हो। न्यायमूर्ति सुमन श्याम ने कहा कि पॉक्सो आप कुछ भी जोड़ सकते हैं। यहां पॉक्सो [आरोप] क्या है? केवल इसलिए कि पोस्को को जोड़ा गया है, क्या इसका मतलब यह है कि जज यह नहीं देखेंगे कि इसमें क्या है? हम यहां किसी को बरी नहीं कर रहे हैं। कोई भी आपको जांच करने से नहीं रोक रहा है।
कोर्ट ने एक अन्य केस की सुनवाई के दौरान कहां कि क्या कोई रेप हुआ है? कोर्ट ने इन आरोपों को भी अजीब बताया। कोर्ट ने कहा कि ये कोई हिरासत में लेकर पूछताछ करने वाले केस नहीं हैं।