कलकत्ता हाईकोर्ट का बड़ा फैसला! शादी का वादा कर सहमति से बनाए शारीरिक संबंध रेप के बराबर नहीं

By अभिनय आकाश | Apr 27, 2023

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 14 साल पुराने एक मामले में फैसला सुनाया है कि शादी के वास्तविक वादे पर दो वयस्कों के बीच सहमति से शारीरिक संबंध, जिसे पूरा नहीं किया जा सका, को बलात्कार नहीं माना जा सकता है। न्यायमूर्ति शम्पा दत्ता (पॉल) की एकल-न्यायाधीश पीठ ने कहा कि अक्सर रिश्तों में जटिलताओं के कारण बलात्कार के आरोप लगाए जाते हैं।

इसे भी पढ़ें: Jiah Khan Suicide Case | एक दशक के बाद जिया खान सुसाइड केस में सीबीआई कोर्ट सुनाएगी फैसला, सूरज पंचोली को मिलेगी सजा?

यह फैसला 2009 में पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के दानकुनी में दायर एक मामले पर आया। एक लड़के और लड़की के बीच उनके परिवारों द्वारा एक शादी तय की गई, जिसके बाद दोनों अक्सर मिलने लगे। जिसके बाद दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बने। लेकिन इसी बीच प्रोफेशनल कारणों से लड़का गोवा शिफ्ट हो गया और वहां उसने दूसरी लड़की से शादी कर ली। इसके बाद जिस लड़की से उसके शारीरिक संबंध बने और उसके परिवार वालों ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ स्थानीय थाने में मामला दर्ज कराया।

इसे भी पढ़ें: Excise Policy Case: शराब घोटाले में सिसोदिया को नहीं मिली राहत, 12 मई तक बढ़ी न्यायिक हिरासत

पुलिस ने पूरे परिवार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत मामला दर्ज कर युवक के पिता को गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि उन्होंने प्राथमिकी को चुनौती देते हुए 2009 में कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत में तर्क दिया कि इस मामले को बलात्कार नहीं माना जा सकता क्योंकि दोनों सहमति से बालिग थे। उन्होंने यह भी दलील दी कि सहमति से शारीरिक संबंध बनाने की वजह से युवक के परिजनों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत आरोप नहीं लगाया जा सकता है।

प्रमुख खबरें

बंगाल: सियालदह ईएसआई अस्पताल में आग लगी, कोई हताहत नहीं

जापानी पर्यटकों की बस तुर्किये में दुर्घटनाग्रस्त, 22 घायल

इजराइल ने अपना हिसाब चुकता कर लिया, लेकिन युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है: प्रधानमंत्री नेतन्याहू

अमेरिका: बाइडन और हैरिस ने सिनवार की मौत को गाजा में युद्ध समाप्ति के लिए मौका बताया