By अभिनय आकाश | Jul 31, 2023
यूरोपीय देशों में इस्लाम को लेकर एक अलग ही तरह का माहौल बनता नजर आ रहा है। कहीं पर इस्लाम की पवित्र किताब कुरान को जलाया जा रहा है। कहीं मुस्लिम देशों से आए शरणार्थियों को देश से निकालने की मांग हो रही है। फ्रांस में हुए दंगों के बाद तो यूरोप के कई देशों ने तो यहां तक बोलना शुरू कर दिया कि मुस्लिम देशों के शरणार्थी उनके देश पर कब्जा करना चाहते हैं।
स्वीडन के बाद डेनमार्क में भी जलाई गई कुरान
स्वीडन में सलवान मोमिका नामक शख्स के इस्लाम के धार्मिक पुस्तक कुरान को लात मारने, जमीन पर फेंकने और फिर आग के हवाले करने का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेहगन में एक बार फिर कुरान जलाई गई। इराक के दूतावास के बाहर कुरान को जलाकर उसका अपमान किया गया है। अभिव्यक्ति की आजादी के नियमों के तहत पवित्र कुरान को जलाने की मंजूरी दी गई। दो प्रदर्शनकारियों ने 24 जुलाई को डेनमार्क की राजधानी में इराकी दूतावास के सामने इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान की एक प्रति में आग लगा दी, जिससे दोनों देशों के बीच संबंध और खराब होने का खतरा है। डेनमार्क और स्वीडन द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करने वाले नियमों के तहत कुरान जलाने की अनुमति देने के बाद पूरे ईरान और इराक में विरोध प्रदर्शन भड़क उठे।
कुरान जलाने की अर्जी लेकर पहुंच रहे लोग
स्वीडन में कुरान जलाने के बाद धार्मिक पुस्तकों को जलाने के आवेदन के लिए लंबी लाइनें लग गई हैं। सैकड़ों लोग स्वीडन की पुलिस के पास कुरान जलाने की अर्जी लेकर पहुंच रहे हैं। इस नए तरीके का विरोध प्रदर्शन स्वीडन की सरकार को टेंशन में डाल रहा है। हैरानी की बात देखिए की कानून ऐसा है कि स्वीडन पुलिस अगर कुरान जलाने की अनुमति दे देती है तो स्वीडन की सरकार भी इसमें कुछ ज्यादा नहीं कर पाती। यहां आपको बता दें कि अगर स्वीडन की सरकार और पुलिस दोनों कुरान जलाने की अनुमति नहीं देती है, तो कोई भी व्यक्ति कोर्ट में जाकर परमिशन मांग सकता है। हाल ही में जो स्वीडन में कुरान जलाई गई उसकी अनुमति कोर्ट ने ही दी थी।