By अंकित सिंह | Oct 08, 2024
हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर अब जबरदस्त तरीके से सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस लगातार चुनाव आयोग पर सवाल खड़े कर रही है। इन सब के बीच कांग्रेस ने साफ तौर पर कहा है कि यह नतीजा उसे स्वीकार नहीं है। हरियाणा में तंत्र की जीत हुई है। लोकतंत्र हार गया है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग जिलों से जो शिकायती आ रही है, उसे हम चुनाव आयोग तक पहुंचाएंगे। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि नतीजे पूरी तरह अप्रत्याशित हैं और हम तो यहां तक कहेंगे कि ये अस्वीकार्य हैं।
खेड़ा ने दावा किया कि हमारे प्रत्याशी के बारे में तीन जिलों, हिसार, महेंद्रगढ़ और पानीपत से लगातार शिकायतें आ रही हैं। लगातार शिकायतें आ रही हैं कि कैसे कुछ मशीनों की बैटरियां जो 99% थीं उनमें हमें हारते हुए दिखाया गया और जिन मशीनों को छुआ तक नहीं गया, जिनकी बैटरियां 60-70% थीं उनमें हमारे उम्मीदवार को जीतता हुआ दिखाया गया। उन्होंने कहा कि अगर एक लाइन में कहा जाए तो ये सिस्टम की जीत और लोकतंत्र की हार है। हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते। हम शिकायतें एकत्र कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे उम्मीदवारों ने वहां के रिटर्निंग ऑफिसर्स को शिकायतें दी हैं और अब भी दे रहे हैं। आने वाले दिनों में हम जल्द ही इन सभी शिकायतों को लेकर चुनाव आयोग जाएंगे और वहां अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे। इस तरह का परिणाम धरातल पर कहीं नजर नहीं आया। किसी को यकीन नहीं हो रहा कि हरियाणा में इतना अप्रत्याशित परिणाम आएगा। हम सब हैरान हैं। पार्टी सांसद जयराम रमेश ने कहा कि हरियाणा में नतीजे पूरी तरह से अप्रत्याशित, पूरी तरह से आश्चर्यजनक और उलटे हैं। यह जमीनी हकीकत के विपरीत है।
रमेश ने कहा कि यह उस चीज़ के ख़िलाफ़ है जिसके लिए हरियाणा के लोगों ने अपना मन बना लिया था, जो परिवर्तन और परिवर्तन के लिए था। मुझे लगता है कि इन परिस्थितियों में हमारे लिए आज घोषित नतीजों को स्वीकार करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें कम से कम तीन जिलों में मतगणना की प्रक्रिया, ईवीएम की कार्यप्रणाली पर बहुत गंभीर शिकायतें मिली हैं। और भी बहुत कुछ आ रहा है। हमने हरियाणा में अपने वरिष्ठ सहयोगियों से बात की है और यह जानकारी एकत्र की जा रही है। हमें उम्मीद है कि हम इसे कल या परसों चुनाव आयोग के समक्ष समेकित रूप में प्रस्तुत करेंगे। हम समय मांगेंगे। हमारे उम्मीदवारों ने गंभीर सवाल उठाए हैं।' हम इसे चुनाव आयोग के संज्ञान में लाएंगे और आज हमने हरियाणा में जो देखा वह हेरफेर की जीत है, लोगों की इच्छा को नष्ट करने की जीत है और यह पारदर्शी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की हार है।