By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 11, 2022
खट्टर ने कहा था, ‘‘एक तरफ हमें यह पानी नहीं मिल रहा है, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली हमसे और पानी की मांग कर रही है। इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने के लिए समयसीमा तय करना बहुत जरूरी हो गया है।’’ पंजाब में, विपक्षी दलों ने हाल में मान से कहा था कि वह राज्य की भलाई के लिए इस मुद्दे पर मजबूती से खड़े रहें। एसवाईएल नहर से जल बंटवारा कई दशकों से दोनों राज्यों के बीच विवाद का विषय रहा है।
पंजाब रावी-ब्यास नदी के पानी की मात्रा के पुनर्मूल्यांकन की मांग कर रहा है, जबकि हरियाणा एसवाईएल नहर को पूरा करने की मांग कर रहा है ताकि उसे नदी के पानी का 35 लाख एकड़ फुट का अपना हिस्सा मिल सके। केंद्र ने छह सितंबर को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया था कि पंजाब सरकार विवाद को सुलझाने में सहयोग नहीं कर रही है।