By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 28, 2020
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने भाजपा द्वारा सोनिया गांधी पर निशाना साधने के बाद शुक्रवार को दावा किया कि कांग्रेस शासन के दौरान राजधर्म में समानता और सद्भाव को महत्व दिया गया, जबकि भाजपा के शासन में पूर्वाग्रह एवं विभाजनकारी मानसिकता हावी है। मुख्य विपक्षी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, ‘‘इंदिरा जी, राजीव जी, मनमोहन सिंह जी का राजधर्म, वो राजधर्म था, जिसमें समानता, सद्भाव को प्राथमिकता दी गई थी और आप जो कर रहे हैं, उसमें पूर्वाग्रह है; विभाजनकारी मानसिकता है। इसलिए जरूरी है कि आप राजधर्म निभाइए।’’
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इसको लेकर पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद पर पलटवार किया कि अगर राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) का विरोध करना राष्ट्रविरोधी बात है तो भाजपा सरकार को ऐसे लोगों को गिरफ्तार करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘ हम कहते हैं कि एनआरसी असंवैधानिक है। इसका विरोध होना चाहिए। क्या यह उत्तेजना फैलाना हुआ या यह राष्ट्रविरोधी बात है? अगर आपको ऐसा लगता है कि हमें गिरफ्तार करो।’’
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘आदरणीय रविशंकर प्रसाद जी, देश को एनपीआर पर ज्ञान देने से पहले आप इसे बिहार में क्यों नही लागू करवा लेते, जहां से आप सांसद हैं? बिहार में जदयू-भाजपा की एक भाषा और दिल्ली में एक और। आपके साथियों, अकाली दल, अन्नाद्रमुक, टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस को ज्ञान कब देंगे?’’ दरअसल, दिल्ली हिंसा की पृष्ठभूमि में सरकार को राजधर्म का पालन करने की सोनिया गांधी की नसीहत पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का इतिहास ‘‘वोट बैंक की राजनीति’’ के लिये अधिकारों का दमन करने, अपनी बात से पलटने का रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राजधर्म पर उपदेश न दें।
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प्रसाद ने रामलीला मैदान में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के भाषण को उद्धृत करते हुए उन पर उत्तेजना फैलाने का भी आरोप लगाया। गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में पार्टी के शिष्टमंडल ने बृहस्पतिवार को दिल्ली हिंसा मामले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर आग्रह किया कि वह केंद्र सरकार से राजधर्म का पालन कराने और गृह मंत्री अमित शाह को हटाने के लिए कदम उठाएं।