By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 25, 2020
नयी दिल्ली। वाहन डीलरों के निकाय फाडा ने शुक्रवार को कहा कि भारत में हार्ले डेविडसन के परिचालन के बंद होने से ब्रांड की 35 डीलरशिप में 2,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। हार्ले डेविडसन ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह देश में बिक्री और विनिर्माण कार्यों को बंद कर रही है। उसने अमेरिका के नियामक एसईसी को बताया कि भारत में परिचालन बंद करने से संबद्ध कार्यबल में करीब 70 कर्मचारियों की कमी होगी। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने कहा कि नौकरियों के नुकसान के अलावा, अमेरिकी बाइक निर्माता के बाहर निकलने से देश में ब्रांड के डीलर भागीदारों को 130 करोड़ रुपये तक का नुकसान होगा।
फाडा के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने कहा, ‘‘हार्ले डेविडसन ने अपने किसी भी डीलर भागीदार को इसके बंद होने की योजना के बारे में सूचित नहीं किया है और डीलरों को अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।’’ उन्होंने कहा कि जिन डीलरों ने इस प्रतिष्ठित ब्रांड में अपनी मेहनत की पूंजी का निवेश किया है, उन्हें बिना किसी क्षतिपूर्ति पैकेज के एक परित्यक्त बच्चे की तरह छोड़ दिया गया है। गुलाटी ने कहा कि हार्ले जैसे लक्जरी ब्रांड के साथ डीलरशिप की लागत 3-4 करोड़ रुपये के बीच है, और कुल 35 डीलरशिप के 110-130 करोड़ रुपये डूब जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘औसतन दोपहिया वाहनों की डीलरशिप 50 लोगों को रोजगार देती है। 35 हर्ले डीलरों के साथ डीलरशिप पर लगभग 1,800-2,000 लोग अपनी नौकरी खो देंगे।’’ इसके अलावा, ऐसे ग्राहक भी होंगे, जिन्हें परेशानियों को सामना करना पड़ेगा क्योंकि अब कलपुर्जों की कमी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जनरल मोटर्स, मैन ट्रक्स और यूएम लोहिया के बाद हार्ले डेविडसन चौथा वाहन ब्रांड है, जिसने भारत में पिछले तीन वर्षों के दौरान परिचालन बंद किया है। गुलाटी ने कहा, ‘‘यदि भारत में फ्रेंचाइजी संरक्षण कानून होता, तो इस तरह के ब्रांड अपने परिचालन को बंद नहीं करते और अपने चैनल पार्टनरों व ग्राहकों को ठीकठाक क्षतिपूर्ति देते।