इलाका तुम्हारा, धमाका हमारा, हमास हो या हिजबुल्ला, लेबनान-ईरान हो या तुर्किए ,सभी के लिए एक अकेला इजरायल कैसे काफी है?

By अभिनय आकाश | Jul 31, 2024

एक मुल्क जो 1948 में बना। एक देश है जिसके लिए अंग्रेजी की पदबंद प्रॉमिस्ड लैंड का प्रयोग किया गया। यहूदियों का देश इजरायल। जिसका जिक्र करते हुए हम हिंदुस्तानियों की दिलचस्पी बढ़ जाती है। इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद, इजरायल का भारत के साथ सैन्य सहयोग, इजरायल का अरब के साथ विवाद, इजरायल का फिलिस्तीन के साथ संबंध। जैसे 32 दांतो के बीच जीभ रहती है वैसे ही अरब राष्ट्रों के बीच इजरायल है। वह दुनिया का एक अकेला ऐसा देश है जो बहुत ही छोटा होने व इतने आक्रामक पड़ोसियों से घिरा होने के बावजूद अपनी शर्तों पर जी रहा है। प्रगति कर रहा है और रक्षा क्षेत्र में अमेरिका की बराबरी कर रहा है। हमास के साथ अक्टूबर 2023 से युद्ध में उलझा देश, लेबनान में सक्रिय संगठन के हमले में 12 बच्चों की मौत के बाद हिजबुल्ला से भिड़ता इजरायल। नाटो के सदस्य तुर्किए को आंखे दिखाता और सद्दाम हुसैन जैसे अंजाम भुगतने की धमकी देता इजरायल। इजरायल इन दिनों कई अलग-अलग मोर्चे पर युद्ध लड़ रहा है। इसके बावजूद इजरायली सेना सभी मोर्चे पर मजबूती से आगे बढ़ रही है। 

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इस्माइल हानिया की मौत में मोसाद का हाथ? 

हमास के बड़े नेता इस्माइल हानिया की मौत से पूरी दुनिया हैरान है। ईरान की राजधानी तेहरान में इस्माइल हानिया मारा गया है। ऐसा बताया जा रहा है कि एक घर में उसके बॉडीगार्ड के साथ उसकी हत्या की गई। हत्या के पीछे कौन है ये वजह अभी तक साफ नहीं हो पाई है। किसने इस हत्याकांड को अंजाम दिया ये सब अभी साफ नहीं हो पाया है। इसके साथ ही शक की ऊंगलियां इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद की तरफ भी उठ रही है। मोसाद और इजरायल की सरकार ने ये साफ कहा था कि अपने दुश्मनों और हमास के तमाम कमांडरों को वो ढेर करेगा। इस्माइल हानिया हमास की पॉलिटिकल विंग के चीफ थे। रात के 2 बजे जिस बिल्डिंग पर वो रह रहे थे, उस पर हवाई हमला हुआ। उसमें उनकी मौत हो गई। ऐसे में इस बात की चर्चा भी हो रही है कि क्या इसके बाद हमास खत्म हो जाएगा। तो आपको बता दें कि हमास के सबसे बड़े नेता इस्माइल हानिया जरूर थे लेकिन वो बाहर रह रहे थे। वो पॉलिटिकल, मिलिट्री सपोर्ट जुटाने का काम करते थे। गाजा में हमास को चलाने वाले नेता का नाम याह्या सिनवार है। वहीं हमास के मिलिट्री विंग के लीडर का नाम मोहमम्द दाइफ है। 

ईरान के तरफ से क्या प्रतिक्रिया हो सकती है

ईरान के लिए ये बहुत बड़ी घटना है क्योंकि उसकी धरती पर अटैक हुआ है। आपको याद होगा कि जब सीरिया में ईरान के कॉंसुलेट पर अटैक हुआ था। इस ड्रोन अटैक में सात कमांडर मारे गए थे। इसके बाद ईरान ने बदला लिया था। उसने मिसाइलें दागी थी। उसका इफेक्ट कितना रहा ये चर्चा का विषय है। लेकिन पहली बार ईरान की तरफ से सांकेतिक ही सही इजरायल की टेरिटरी पर सीधा हमला किया था। इस बार तो ईरान की धरती पर ये घटना हुआ है। ऐसे में अगर ये बात सामने आती है कि इसमें इजरायल का हाथ है। फिर वो पलटवार जरूर करेगा। ये भी इसलिए जरूरी है कि एक मैसेज देना होगा कि हम भी इस इलाके में बड़ी शक्ति हैं। ईरान अगर हमला करता है तो इस पर कोई जवाबी कार्रवाई इजरायल की तरफ से होती है तो तनाव और बढ़ जाएगा। 

हिजबुल्ला से भी हो रही भिड़ंत

इजरायल दो मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहा है। एक तरफ हमास के साथ वो अक्टूबर 2023 से भिड़ा हुआ है। दूसरी तरफ लेबनान में भी हिजबुल्ला के साथ उसकी भिड़ंत हो रही है। हिजबुल्ला को भी ईरान का सपोर्ट है। पिछले कुछ दिनों से हिजबुल्ला के साथ भी उसकी खटपट की खबर सामने आ रही है। 1967 में सीरिया से कब्जा किए गए इलाके गोलन हाइट्स में मजद-अल-शम्स पर एक रॉकेट हमला हुआ था, जिसमें 12 लोगों क मौत हो गई थी।  इजरायल के स्टेडियम में जो धमाका हुआ है उसमें उन बच्चों की मौत हुई है, जिनकी उम्र 20 साल से कम थी। इजरायल ने आरोप लगाया कि इसे हिजबुल्ला ने अंजाम दिया। लेकिन हिजबुल्ला ने किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया। लेकिन हिजबुल्ला इस तरह के हमले करता रहा है। इजरायल की सरकार ने साफ कहा था कि इसका बदला लिया जाएगा। फिर लेबनान की राजधानी बेरूत से बीती रात खबर आई कि उस पर हवाई हमला हुआ। इजरायल का दावा है कि एक कमांडर जिसे उसने टारगेट किया था वो मारा गया। हिजबुल्लाह ने तुरंत कमांडर की मौत की पुष्टि नहीं की है। 

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तुर्किए और इजरायल की एक दूसरे को देख लेने की धमकी

तुर्किए के राष्ट्रपति रिचप तैयब एर्दोआन सद्दाम हुसैन की तरह इजरायल पर हमले की धमकी दे रहे हैं। उन्हें याद रखना चाहिए कि सद्दाम हुसैन के साथ क्या हुआ था। ये चेतावनी भरी पोस्ट इजरायल के विदेश मंत्री इजरायल काट्ज की तरफ से की गई। अपनी पोस्ट में उन्होंने एर्दोआन और सद्दाम हुसैन की तस्वीर भी लगाई और तुर्किए के राष्ट्रपति को टैग भी किया। तुर्किए के विदेश मंत्री हक्कन फिदान ने तुरंत इसका जवाब दिया। उन्होने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू कि तुलना एडोल्फ हिटलर से की और कहा कि जिस तरह हिटलर का अंत हुआ था, उसी तरह नेतन्याहू का भी होगा। इस जुबानी जंग का बैकग्राउंड भी आपको बता देते हैं। दरअसल, 28 जुलाई को एर्दोआन ने एक सभा में इजरायल को धमकी देते हुए कहा था कि जैसे हम लीबिया और डोर्नोकोराबक में घुसे उसी तरह इजरायल में भी जा सकते हैं। उनका बयान ऐसे वक्त में आया जब हिजबुल्ला और इजरायल में जबरदस्त तनातनी चल रही है। गौर करने वाली बात ये है कि तुर्किए उस नाटो का सदस्य है जिसमें अमेरिका और यूरोप के ताकतवर देश हैं। ऐसे देश इजरायल के साथ हर मोर्चे पर मजबूती से न केवल खड़े रहते हैं, बल्कि उसे हथियार और डिप्लोमैटिक सपोर्ट भी करते हैं।

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