By नीरज कुमार दुबे | Jul 07, 2023
गुजरात उच्च न्यायालय ने मोदी उपनाम वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध करने संबंधी याचिका को आज खारिज कर दिया। देखा जाये तो यह राहुल गांधी के लिए बहुत बड़ा झटका है क्योंकि यदि उनकी याचिका स्वीकार हो जाती तो उनकी संसद सदस्यता बहाल होने का मार्ग प्रशस्त हो जाता। न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक की अदालत की ओर से यह फैसला सुनाये जाने के दौरान कांग्रेस के कई नेता मौजूद थे। बताया जा रहा है कि कांग्रेस इस निर्णय को चुनौती दे सकती है।
हम आपको बता दें कि न्यायमूर्ति प्रच्छक ने मई में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोई अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया था और कहा था कि वह ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद अंतिम आदेश पारित करेंगे। राहुल गांधी के वकील ने 29 अप्रैल को सुनवाई के दौरान गुजरात उच्च न्यायालय में तर्क दिया था कि एक जमानती एवं गैर-संज्ञेय अपराध के लिए अधिकतम दो साल की सजा देने का मतलब है कि उनके मुवक्किल अपनी लोकसभा सीट खो सकते हैं।
हम आपको याद दिला दें कि गुजरात में भारतीय जनता पार्टी के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के एक मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी। फैसले के बाद राहुल गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।