By गौतम मोरारका | Nov 19, 2022
नमस्कार, प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास चुनावी कार्यक्रम कौन बनेगा गुजरातना सरदार में आप सभी का स्वागत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात में जोरदार चुनावी प्रचार की शुरुआत की। इसके अलावा विभिन्न पार्टियों के नेता भी वीकेंड होने के नाते गुजरात पहुँचे हैं ताकि जनता के बीच ज्यादा से ज्यादा पहुँच कर अपनी बात रखी जा सके। जहां तक प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की बात है तो सुबह अरुणाचल प्रदेश और दोपहर में काशी में आयोजित कार्यक्रमों के जरिये जनता को बड़ी सौगात देकर जब वह गुजरात चुनाव प्रचार में भाग लेने के लिए शाम को वलसाड़ पहुँचे तो उनका उत्साह देखने लायक था क्योंकि बड़ी संख्या में गुजरात की जनता उनके स्वागत के लिए उमड़ी थी। प्रधानमंत्री ने वलसाड के जुजवा गांव में जनसभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री का रविवार को भावनगर, अमरेली और जूनागढ़ जिलों में चार रैलियों को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है। हम आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री मोदी का अपने गृह राज्य का यह दूसरा दौरा है। इससे पहले वह छह नवंबर को गुजरात पहुंचे थे।
उधर, गुजरात की जामनगर उत्तर सीट की बात करें तो यहां की चुनावी लड़ाई दिलचस्प हो गयी है क्योंकि भाजपा के टिकट पर क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा चुनाव मैदान में हैं तो कांग्रेस ने रविंद्र जडेजा की बहन नैना जडेजा को मैदान में उतार दिया है। ननद-भाभी की आपने वैसे तो कई लड़ाई देखी होंगी लेकिन राजनीतिक लड़ाई देखने के लिए इस सीट के मतदाता भी उत्साहित हैं। हालांकि रिवाबा जडेजा को पूरा भरोसा है कि इस सीट पर जीत भाजपा की ही होगी।
वहीं मोरबी सीट की बात करें तो भाजपा उम्मीदवार कांतिलाल अमरुतिया को भी भरोसा है कि जनता उन्हें ही वोट देगी। हम आपको बता दें कि हाल ही में यहां पुल गिरने की घटना में 135 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी थी। जिसके बाद भाजपा के प्रति नाराजगी उपजी थी लेकिन पार्टी ने यहां से निवर्तमान विधायक का टिकट काट कर कांतिलाल को उम्मीदवार बनाया है। कांतिलाल का आत्मविश्वास दर्शा रहा है कि वह विधानसभा पहुँचने वाले हैं।
वहीं गुजरात में चुनाव प्रचार के लिए पहुँचे असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा भाजपा सरकार की उपलब्धियों को तो गिना ही रहे हैं साथ ही लोगों को बता रहे हैं कि क्यों देश में एक मजबूत नेता का नेतृत्व बने रहने की जरूरत है। दिल्ली में हुए श्रद्धा हत्याकांड का जिक्र करते हुए सरमा कह रहे हैं कि यदि मजबूत सरकार नहीं हुई तो हर शहर में आफताब जैसे कातिल होंगे।
बेहतर भविष्य की उम्मीद
गुजरात में नमक कामगारों को कई बुनियादी मुद्दों का सामना करते हुए जीवन यापन करने के लिए सबसे कठिन माहौल में काम करना पड़ता है। उनकी स्थिति में सुधार करने संबंधी कांग्रेस का चुनावी वादा समाज के हाशिए पर पड़े इस तबके के सदस्यों के लिए बेहतर भविष्य की उम्मीद जगा सकता है। नमक कामगारों को स्थानीय रूप से अगरिया कहा जाता है। अगरिया परिवार गुजरात के उत्तर में स्थित कच्छ के छोटे रण (एलआरके) के प्रतिकूल मौसम की स्थिति में साल में आठ महीने नमक तैयार करने के कार्य में अस्थायी झोपड़ियों में रहकर मेहनत करते हैं। इस अवधि के दौरान, वे मुख्यधारा से लगभग दूर हो जाते हैं, क्योंकि वे मानव आवास से 30 से 50 किलोमीटर दूर रहते हैं।
देखा जाये तो पिछले कुछ वर्षों में, राज्य सरकार ने नमक बनाने के काम में लगे श्रमिकों के कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। लेकिन समुदाय के नेताओं और कार्यकर्ताओं को लगता है कि इन कार्यक्रमों से अगरियाओं को ज्यादा मदद नहीं मिली है और उनकी स्थिति में कुछ अधिक बदलाव नहीं आया है क्योंकि उन्हें अभी भी स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा सहित अपने बुनियादी अधिकारों के लिए लड़ना पड़ रहा है। अब उन्हें उम्मीद है कि अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद गुजरात में जो भी पार्टी सत्ता में आएगी, उनके रहन-सहन की स्थिति में सुधार के लिए कदम उठाएगी। विपक्षी दल कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में अगरियाओं का प्रमुखता से उल्लेख किया है और राज्य में सत्ता में आने पर उनके जीवन को बेहतर बनाने का वादा किया है, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने समुदाय के उत्थान के लिए और अधिक धनराशि का इंतजाम किये जाने का आश्वासन दिया है।
हम आपको बता दें कि गुजरात भारत का सबसे बड़ा नमक निर्माता राज्य है और इसके कुल उत्पादन में 75 प्रतिशत से अधिक का योगदान करता है। पिछले साल, एलआरके में लगभग 41 लाख मीट्रिक टन नमक का उत्पादन किया गया था, जो 5,000 वर्ग किलोमीटर में फैला एक रेगिस्तान है और इसका बड़ा हिस्सा सुरेंद्रनगर जिले में पड़ता है। वर्ष 2014 के आम चुनावों के लिए गुजरात में अपने चुनाव अभियान के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुजरात के नमक श्रमिकों के साथ उनकी समस्याओं को समझने के लिए बातचीत की थी। तब से, समुदाय के कल्याण के लिए कई सरकारी योजनाएं शुरू की गईं, जिनमें सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप खरीदने पर 80 प्रतिशत सब्सिडी और बसों की स्थायी तैनाती शामिल है।
गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) एनजीओ ‘अगरिया हित रक्षक मंच’ के अध्यक्ष हरिनेश पांड्या ने कहा, ‘‘2017 में, गुजरात सरकार एक योजना लेकर आई, जिसमें सौर ऊर्जा से चलने वाले पंपों को 80 प्रतिशत रियायती दर पर दिया गया।’’ उन्होंने कहा कि नमक श्रमिकों की प्यास बुझाने के लिए सरकार द्वारा पानी के टैंकर रेगिस्तान के अंदर भेजे जाते हैं। उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर और एक नर्स वाली मेडिकल वैन भी निर्धारित स्थानों पर जाती है। पांड्या के अनुसार लगभग 40,000 सदस्यों वाले लगभग 10,000 अगरिया परिवार एलआरके में नमक बनाने में शामिल हैं। हालांकि, समुदाय के नेताओं को लगता है कि वर्षों से विभिन्न योजनाओं की शुरूआत के बावजूद, नमक श्रमिकों की स्थिति में बहुत सुधार नहीं हुआ है।
एक अगरिया नेता चाकुजी ठाकोर ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य वैन सेवा बिल्कुल भी नियमित नहीं है और प्रत्येक स्थान पर नहीं जाती है। हमें अभी भी पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि सरकार द्वारा किराए पर लिए गए टैंकर सभी परिवारों तक नहीं पहुंच पाते है।’’ कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रवक्ता मनीष दोषी ने कहा, ‘‘हमने वादा किया है कि अगरियाओं को वन्यजीव घुड़खर अभयारण्य के संरक्षित क्षेत्रों में नमक बनाने की अनुमति प्राप्त करना आसान होगा। कांग्रेस नमक श्रमिकों के लिए घर और स्कूल भी बनाएगी। बेहतर कनेक्टिविटी के लिए हम मोबाइल टावर भी लगाएंगे।’’ अन्य वादों में रेगिस्तान में नमक श्रमिकों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए आरओ कियोस्क और पांच लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर और किसी भी सरकारी अस्पताल में 10 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज शामिल हैं। ध्रांगध्रा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रकाश वरमोरा ने कहा कि वह नमक श्रमिकों और उनके परिवारों के समग्र उत्थान के लिए विभिन्न स्रोतों से अधिक से अधिक धन प्राप्त करने का प्रयास करेंगे।
788 उम्मीदवार मैदान में
गुजरात में एक दिसंबर को विधानसभा की 89 सीट पर होने वाले चुनाव में नामांकन पत्रों की जांच और नाम वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब इन सीट पर 70 महिलाओं समेत कुल 788 उम्मीदवार मैदान में हैं। गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से जारी विज्ञप्ति के अनुसार इन 788 उम्मीदवारों में विभिन्न दलों के 39 उम्मीदवार, जबकि 339 निर्दलीय प्रत्याशी शामिल हैं। राज्य में सत्तारुढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सभी 89 सीट पर, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) ने 88, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 57 और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन ने छह सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं। इन 89 सीट पर कुल 1,365 उम्मीवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए थे। पंद्रह नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच के बाद इनकी संख्या घटकर 999 रह गई। नामांकन पत्र वापसी की अंतिम तिथि 17 नवंबर को यह और घटकर 788 पर आ गई।
कांग्रेस के स्टार प्रचारक
कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए शनिवार को अपने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं। पार्टी के इन स्टार प्रचारकों की सूची में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, सचिन पायलट, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर और प्रदेश प्रभारी रघु शर्मा के नाम भी शामिल हैं।
-गौतम मोरारका