By अभिनय आकाश | Oct 15, 2024
15 और 16 अक्टूबर को पाकिस्तान शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के 23वें संस्करण की मेजबानी कर रहा है। इस्लामाबाद के सदाबहार दोस्त चीन और उसके कट्टर प्रतिद्वंद्वी भारत के वरिष्ठ नेता सख्त सुरक्षा उपायों के बीच इसमें शामिल हो रहे हैं। जहां इस्लामाबाद 900 विदेशी प्रतिनिधियों के स्वागत के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहा है, वहीं एससीओ शिखर सम्मेलन आतंकवादी हमलों और जेल में बंद पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी के विरोध प्रदर्शन की छाया में हो रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तैयार हैं। डॉ. जयशंकर भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे और सीमा पार आतंकवाद से संबंधित भारत की चिंताओं को उठाएंगे।
नौ वर्षों में भारतीय विदेश मंत्री की पहली यात्रा
भारत के विदेश मंत्री ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि भारत-पाकिस्तान संबंधों पर कोई चर्चा नहीं होगी और उनकी यात्रा संक्षिप्त होने की उम्मीद है। जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा 2015 में उनकी पूर्ववर्ती सुषमा स्वराज के बाद नौ वर्षों में किसी भारतीय विदेश मंत्री की पहली यात्रा है।
जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा से क्या उम्मीद करें?
विदेश मंत्री एस जयशंकर एससीओ शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। जयशंकर सीमा पार आतंकवाद और दायित्वों को पूरा करने पर भारत की चिंताओं को उठाएंगे और अन्य एससीओ सदस्य-राज्यों के साथ सहयोग को मजबूत करने के नई दिल्ली के प्रयासों को बढ़ावा देंगे। जयशंकर ने दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव के बीच पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता की संभावना से इनकार किया है।
बढ़ी सुरक्षा के बीच अतिथियों का आगमन
16 अक्टूबर को होने वाली एससीओ में अर्थव्यवस्था, कारोबार और पर्यावरण के क्षेत्रों में जारी सहयोग पर चर्चा होगी और संगठन के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी। साथ ही सदस्य देशों के बीच सहयोग को और बढ़ाने के लिए संगठन के बजट को मंजूरी दी जाएगी। एससीओ समिट में शामिल होने के लिए सोमवार से ही अतिथि इस्लामाबाद में पहुंचने लगे। अतिथियों की सुरक्षा को देखते हुए इस्लामाबाद में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।