By सुयश भट्ट | Dec 17, 2021
आपको बता दें कि शहीद वरुण सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार को भोपाल लाया गया था। वरुण सिंह का अंतिम सफर का रूट 6 किलोमीटर का रहा। राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। लालघाटी विश्राम घाट में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सैन्य अधिकारियों और मंत्रियों ने भी शहीद वरुण सिंह को श्रद्धांजलि दी। बैरागढ़ संत हिरदाराम नगर श्मशान घाट में शहीद का अंतिम संस्कार हुआ।
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बताया जाता है कि साल 2020 में एक हवाई इमरजेंसी के दौरान अपने एलसीए तेजस लड़ाकू विमान को बचाने के लिए वरुण सिंह को शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा चुका है। और इसी साल के स्वतंत्रता दिवस पर कैप्टन को इस सम्मान से नवाजा गया था।
जानकारी के अनुसार वरुण सिंह उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की रुद्रपुर तहसील के खोरमा कन्हौली गांव के रहने वाले हैं। डीएसएससी में पदस्थ होने के चलते उनका पूरा परिवार तमिलनाडु में रहता है। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, कांग्रेस नेता और प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह के भतीजे हैं। वहीं कैप्टन वरुण सिंह के पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह भोपाल के एयरपोर्ट रोड स्थित सन सिटी कॉलोनी में रहते हैं।
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दरअसल तमिलनाडु में कुन्नूर के जंगलों में 8 दिसंबर को दोपहर 12.20 बजे सेना का एमआई -17वी 5 हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। इसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएम) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका समेत सेना के 14 अफसर सवार थे। इस हादसे में कैप्टन वरुण को मिलाकर कुल लोगों की मौत हो गई।