प्रदेश के कोरोना संक्रमित न्यायिक अधिकारियों के इलाज की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी- ब्रजेश पाठक

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 19, 2021

उत्तर प्रदेश के विधायी एवं न्याय, ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग के मंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने आज उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा संघ के पदाधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग में कोरोना से प्राण गंवाने वाले उच्च न्यायालय की खण्डपीठ, लखनऊ के मा. न्यायमूर्ति स्व. श्री वीरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कार्यरत 11 न्यायिक अधिकारियों- स्व. सत्य प्रकाश द्विवेदी, एडीजे, मुरादाबाद, स्व. राजीव कुमार सिंह, एडीजे, बदायूं, स्व. विष्णु प्रताप सिंह, एडीजे, देवरिया, स्व. धीरेन्द्र प्रताप सिंह, एडीजे, प्रयागराज, स्व. कृष्ण चन्द्र पाण्डेय, एडीजे, बस्ती, स्व. अमी सिंह, एसीजे, भदोही, स्व. शकील अहमद खान, प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय, संत कबीर नगर, स्व. राजेश कुमार , एडीजे, लखीमपुर स्व. तैयब अहमद, एडीजे, सहारनपुर, स्व. ओमवीर जी, एडीजे, ललितपुर तथा स्व. अमित कुमार सिंह, सीजेएम, एटा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि यह अप्रत्याशित आपदाकाल है। हम सभी को कोरोना से जीतने तक पूरी ताकत के साथ लड़ना है। प्रदेश सरकार आपके साथ खड़ी है। उन्होंने सुझाव दिया कि न्यायिक सेवा संघ का एक ग्रुप बनाया जाये ताकि इस आपदाकाल में सभी एक दूसरे के सम्पर्क में रहें और आवश्यकता पड़ने पर तत्काल उन्हें सहायता पहुंचाई जा सके। श्री पाठक ने यह भी आश्वस्त किया कि जो भी अधिकारी कोरोना से संक्रमित होगा उसे हम स्वयं पैरवी करके अस्पताल में भर्ती कराने से लेकर उन्हें अच्छी से अच्छी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायेंगे और कोरोना पीड़ित अधिकारियों के लगातार सम्पर्क में रहकर उनके मनोबल को कमजोर नहीं होने देंगे। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में जो भी अधिकारी कोरोना संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती हैं हम लगातार उनके सम्पर्क में हैं तथा उनकी जरूरतों के अनुसार उन्हें पर्याप्त चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध करा रहे हैं।


न्यायिक सेवा संघ द्वारा बैठक में ही आन लाइन एक मांगपत्र दिया गया जिसमें प्रमुखता से :-


- सभी न्यायिक अधिकारियों व उनके परिजनों तथा न्यायालय कर्मियों को फ्रंट लाइन वर्कर मानते हुए अविलम्ब उनके टीकाकरण।

- सभी न्यायिक अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने।

- कोरोना से प्राण गंवाने वाले प्रदेश के 11 न्यायिक अधिकारियों के परिवारीजनों को 2-2 करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने।

- स्थानान्तरित होने वाले न्यायिक अधिकारियों को जनपद में स्थित गेस्ट हाऊस, सर्किट हाऊस प्राथमिकता से आवंटित किए जाने ताकि कोरोना संक्रमण से बचाव हो सके।

- जनपद में तैनात न्यायाधीशों को उनके स्तर के अनुरूप सरकारी आवास आवंटित किए जाने हेतु जिलाधिकारियों को निर्देश देने।

- प्रदेश में कार्यरत न्यायिक अधिकारियों की संख्या के अनुरूप उनके उपयोगार्थ सरकारी आवासों का निर्माण किए जाने।

- 2005 के उपरान्त नियुक्त न्यायिक अधिकारियों को पुरानी पेंशन का लाभ प्रदान किए जाने।

- दिवंगत न्यायिक अधिकारियों के आश्रितों को राजपत्रित स्तर के पदों पर मृतक आश्रित के रूप में सेवायोजित किए जाने  की मांग की गयी है। बैठक में संघ के अध्यक्ष श्री रणधीर सिंह, उपाध्यक्ष, श्री इरफान अहमद, व जनरल सेक्रेटरी, श्री हरेन्द्र बहादुर सिंह, कनिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीमती सुभी गुप्ता, सेक्रेटरी जनरल श्री पंकज जायसवाल, श्री खालिदज़मा तथा श्री भूपेन्द्र सिंह सहित सम्मिलित अन्य पदाधिकारियों द्वारा मांग पत्र पर त्वरित कार्यवाही का अनुरोध किया गया।

- न्याय मंत्री ने उप्र न्यायिक सेवा संघ द्वारा दिए गये मांगपत्र के सम्बन्ध में उपस्थिति पदाधिकारियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि आपकी सभी मांगों पर सरकार प्राथमिकता के आधार पर विचार करेगी और नियमानुसार जो भी सम्भव है समयान्तर्गत उस पर कार्यवाही भी की जायेगी।

बैठक के अन्त में जनरल सेक्रेटरी श्री हरेन्द्र बहादुर सिंह द्वारा मंत्री जी को धन्यवाद देते हुए आशा प्रकट की गयी कि उनके मांग पत्र शासन सहानुभूतिपूर्वक शीघ्रातिशीघ्र विचार करेगा।

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