बुजुर्गों की मदद के लिए सरकार ने शुरू की ये खास परियोजना, 3 हफ्ते में आए 400 आवेदन

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 23, 2021

देश में कोरोना से पैदा हुए हालातों को देखते हुए केंद्र सरकार ने बुजुर्गों के लिए  एक बड़ा कदम उठाया है। दरअसल सरकार ने सीनियर केयर एजिंग ग्रोथ इंजन की शुरुआत की है। इसके तहत भरोसेमंद स्टार्टअप के जरिए बुजुर्गों की देखरेख में इस्तेमाल होने वाले उत्पादों और सेवाओं को प्रदान करने वाला “वन-स्टॉप एक्सेस” होगा। इसके आवदेन के लिए पोर्टल 5 जून 2021 को खोल दिया गया था।

3 हफ्ते में आ चुके हैं 400 आवेदन

ऐसे में इस पोर्टल के लॉन्च के 3 हफ्ते के भीतर ही 400 आवेदन आ चुके हैं। इसको लेकर सामाजिक न्याय विभाग के सचिव आर सुब्रह्मण्यम ने बताया कि चयनित कंपनियों को 1 करोड़ रुपये तक की सरकारी इक्विटी भागीदारी का समर्थन किया जाएगा और SAGE (सीनियरकेयर एजिंग ग्रोथ इंजन) पोर्टल पर प्रस्तुत किया जाएगा।

सरकार के सीनियर केयर एंजिग ग्रोथ इंजन का मकसद लाभ लेने वालों के लिए सीधे उत्पादों, समाधानों और सेवाओं की पहचान करना, मुल्यांकन करना, सत्यापित करना और वितरित करना है। मंत्रालय इन स्टार्ट-अप के जरिए उत्पादों तक बुजुर्गों की पहुंच को सक्षम बनाने के लिए एक सुविधा के रुप में काम करेगा। 

आर्थिक और शारीरिक रुप से स्वस्थ रहें बुजुर्ग

थावरचंद गहलोत ने कहा कि देश में बुजुर्गों की संख्या लगातार बढ़ रही है, इसलिए इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि बुजुर्ग स्वस्थ रहें, और आर्थिक और शारीरिक रूप से सक्रिय रहें। पोर्टल 30 जून तक आवेदन के लिए खुला है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने भारत में विशेष रूप से महामारी के बीच एक मजबूत बुजुर्ग देखभाल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। सुब्रह्मण्यम ने कहा कि कार्यक्रम को बुजुर्गों के लिए स्टार्ट-अप पर अधिकार प्राप्त समिति के सुझावों के अनुसार डिजाइन किया गया है ताकि युवाओं की भागीदारी और बुजुर्गों की देखभाल के लिए उनके नए विचारों को शामिल किया जा सके। उन्होंने कहा कि इससे बुजुर्गों की देखभाल के कार्यक्रमों को सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम के बजाय एक राष्ट्रीय आंदोलन बनाने में मदद मिलेगी।

सरकार के इस क्षेत्र में व्यापार के अवसर सामाजिक उद्यमों, प्रौदोयोगिकी स्टार्ट-अप, कानूनी और वित्तीय सेवाओं, ढांचा और प्रबंधित प्रणाली जैसे क्षेत्रों में हैं। चालू वित्त वर्ष में इस परियोजना के लिए 25 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।


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