By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 21, 2017
नयी दिल्ली। वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए सरकार देशभर में कोयले की ढुलाई बंद रेल वैगनों और ट्रकों से करने की योजना बना रही है। कारखानों और बिजलीघरों को कोयला पहुंचाने में खुले ट्रकों और वैगनों को भी वायु प्रदूषण बढ़ने की एक वजह माना जा रहा है। कोयला एवं रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘‘हम कोयले का परिवहन बेहतर और अधिक पर्यावरणनुकूल तरीके से करने पर विचार कर रहे हैं।
मैंने कोयले का परिवहन करने वाले सभी ट्रकों और रेल वैगनों को कवर करने का निर्देश दिया है।’’ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में इस बार नवंबर में लगातार तीसरे साल धुएं और धुंध की समस्या पैदा हुई है। इससे वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा है जिससे राजधानी और आसपास के इलाकों में स्वास्थ्य को लेकर आपात स्थिति बन गई थी। भारत में 65 प्रतिशत बिजली उत्पादन के लिए कोयले का इस्तेमाल हो रहा है।
कोयला देश में बहुतायत में उपलब्ध है और प्राकृतिक गैस तथा तरल प्राकृतिक गैस एलएनजी आदि की तुलना में सस्ता बैठता है। गोयल ने कहा कि सरकार लगातार इस दिशा में काम कर रही है कि कैसे कोयला आधारित बिजलीघरों के पर्यावरण पर प्रभाव को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि बिजली संयंत्र कड़े मानदंडों का अनुपालन करते हैं। लेकिन सल्फर डाइॉक्साइड को समाप्त करने वाले नए उपकरणों फ्यूल गैस डिसल्फराइजेशन (एफजीडी) को लगाने में अभी समय लगेगा।