कोलकाता। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (
एमएसएमई) मंत्री
नितिन गडकरी ने कहा है कि उनका मंत्रालय एमएसएमई के बकाया के मुद्दे के समाधान के लिए नयी योजना बनाने और कानून पर विचार कर रहा है। भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स की सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए गडकरी ने सोमवार कहा कि एमएसएमई की प्राप्तियों के मुद्दे की वजह से क्षेत्र में कार्यशील पूंजी की समस्या पैदा हो रही है। उन्होंने कहा कि प्राप्ति का मुद्दा क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है।
इस मौके पर चैंबर के अध्यक्ष रमेश कुमार सराओगी ने सुझाव दिया कि सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के साथ बकाया के मुद्दे की निगरानी के लिए बाहरी एजेंसी की नियुक्ति की जानी चाहिए। मई में घोषित
आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत घोषणा की गई थी कि केंद्र सरकार की एजेंसियों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों पर एमएसएमई के बकाया का भुगतान 45 दिन में किया जाना चाहिए। केंद्र ने 10 दिसंबर को जारी बयान में कहा था कि पिछले सात माह के दौरान केंद्र सरकार की एजेंसियों और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों ने एमएसएमई के 21,000 करोड़ रुपये के बकाया का भुगतान किया है।