MP के SC छात्रों को सरकार ने पढ़ाई के लिए भेजा विदेश, लेकिन स्कॉलरशिप देने में है असमर्थ

By सुयश भट्ट | Dec 15, 2021

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ओवरसीज स्कॉलरशिप स्कीम के तहत छात्रों को विदेशों में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति देती है। लेकिन समय से फंड क्लियर न होने के कारण प्रदेश के छात्र विदेशों में फंस गए हैं। यूनाइटेड किंगडम के लफब्रो यूनिवर्सिटी के छात्र ने ट्विटर पर सूबे की शिवराज सरकार से मदद की गुहार लगाई है। वहीं एससी डिपार्टमेंट ने फंड की कमी का हवाला देते हुए वित्त विभाग को इसके लिए जिम्मेदार बताया है।

दरअसल लफब्रो यूनिवर्सिटी के 22 वर्षीय छात्र वैभव सिंह ने एक ट्वीट में लिखा, 'आदरणीय अधिकारियों। मैं सितंबर 2021 से मास्टर्स डिग्री के लिए यूके में हूं। मुझे वीजा और टिकट के अलावा अन्य पैसे अभी तक नहीं मिले हैं, जो वादा किया गया था। मुझे तत्काल अपना रेंट भरना है, अन्यथा मुझे यूके कर्ज वसूली विभाग के समक्ष पेश किया जाएगा। यह मेरा भविष्य खराब कर सकता है। कृप्या मेरी मदद करें।

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जानकारी के अनुसार वैभव को 500 पाउंड्स मासिक रूम रेंट देना होता है और खाने पर तकरीबन 150 पाउंड खर्च होते हैं। बीते तीन महीने की पढ़ाई का खर्च तो उन्होंने कर्ज लेकर किसी तरह उठा लिया लेकिन अब सभी रास्ते बंद हो चुके हैं और छात्रवृत्ति ही एकमात्र उपाय है। ऐसे में यदि तत्काल सरकार वादे के अनुसार छात्रवृत्ति की राशि नहीं देती है तो उनकी पढ़ाई संकट में आ सकती है।

इसी तरह सागर के मकरोनिया इलाके में रहने वाले 29 वर्षीय अंकुर राय का भी करियर शुरू होने के पहले ही रुक गया है। साल 2019 में इस योजना के तहत पढ़ाई के लिए अंकुर का चयन हुआ था। उनका लंदन स्थित ब्रुनेल यूनिवर्सिटी में एमएससी प्रोजेक्ट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट कोर्स में दाखिला हुआ है। चार जनवरी 2022 से वहां सत्र भी शुरू हो जाएगा लेकिन फंड नहीं मिलने के कारण वे जाने की तैयारी नहीं कर पा रहे हैं।

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एससी डिपार्टमेंट के जॉइंट डायरेक्ट सुधीर कुमार जैन ने कहा है कि हमारे पास लिमिटेड फंड होने के कारण छात्रों की छात्रवृत्ति रुकी हुई है। सरकार की ओर से जो फंड जारी हुए वो पर्याप्त नहीं हैं। छात्रों के साथ हमारा एग्रीमेंट है। फंड आते ही हम उन्हें छात्रवृत्ति का पैसा देंगे।

वहीं वर्तमान में 48 छात्र विदेशों में अध्ययन कर रहे हैं और कई अन्य छात्र जाने वाले हैं। जो जाने वाले हैं उनके फर्स्ट सेमेस्टर की छात्रवृत्ति के लिए भी प्रस्ताव भेजा जा चुका है। कुल 7 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। यदि आज जारी हो जाए तो हम आज ही छात्रों को दे देंगे।

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