आरामगाहों में रह रहे हैं सरकारी अधिकारी, कोरोना के हालात से बेखबर हैं: अदालत

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 18, 2021

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 ने एक भी परिवार को नहीं बख्शा है और तब भी केंद्र सरकार के अधिकारी जमीनी हकीकत से बेखबर अपनी ‘आरामगाहों’ में रह रहे हैं। अदालत ने कहा कि भारत में स्पूतनिक वी टीके के उत्पादन से देश को टीकों की कमी को दूर करने का एक अवसर मिल रहा है। न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति नवीन चावला ने महामारी के हालात से निपटने को लेकर केंद्र से नाराजगी जताते हुए कहा, ‘‘भगवान इस देश को बचाए।’’ पीठ ने कहा कि स्पूतनिक वी टीके के उत्पादन के लिए पैनासिया बायोटेक की रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के साथ साझेदारी को इस अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए कि यहां इसका उपयोग हो और ऐसे मामलों में उच्च अधिकारियों से 30 मिनट के भीतर निर्देश प्राप्त किये जाएं। 

 

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उसने कहा कि जब सरकार के पास लाखों टीकों की खुराक प्राप्त करने का अवसर है तब भी ‘कोई दिमाग नहीं लगा रहा’ जबकि सरकार को इसे एक अवसर के तौर पर अपनाना चाहिए। पीठ ने कहा, ‘‘अन्यथा मौत होती रहेंगी। हर दिन सभी अदालतें आपसे नाराजगी जता रही हैं और तब भी आप नहीं जाग रहे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कौन सा नौकरशाह आपको निर्देश दे रहा है। क्या उसे हालात की जानकारी नहीं है? भगवान देश को बचाए।’’ पीठ ने कहा, ‘‘क्या आपका अफसर देश में इतनी बड़ी संख्या में हो रही मौतों को नहीं देख पा रहा। टीकों की भी कमी है। आपके मुवक्किल को हालात की जानकारी नहीं है।’’ इस मुद्दे पर केंद्र के रुख की आलोचना करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘आपके पास टीकों की इतनी कमी है और आप इस पर ध्यान नहीं दे रहे। यह आपके लिए अवसर हो सकता है। इतने नकारात्मक मत होइए। यह आग भड़काने जैसा है और किसी को कोई फिक्र नहीं है।’’ अदालत ने दिल्ली की पैनासिया बायोटेक की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं।

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