By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 10, 2024
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने शुक्रवार को वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों पर चिंता व्यक्त करते हुये उन्हें ‘धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप’ बताया और आरोप लगाया कि सरकार मुसलमानों को ‘चुनावी उद्देश्यों के लिए ध्रुवीकरण एजेंट’ के रूप में इस्तेमाल कर रही है।
यहां जामिया मस्जिद में शुक्रवार को लोगों को संबोधित करते हुए मीरवाइज ने कहा कि संसद में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किए जाने से भारत में मुसलमानों और स्वाभाविक रूप से मुस्लिम बहुल जम्मू कश्मीर में ‘बड़ी पीड़ा और चिंता’ पैदा हुई है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक बृहस्पतिवार को लोकसभा में पेश किया गया और चर्चा के बाद इसे एक संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया, जिसमें सरकार ने कहा कि प्रस्तावित कानून का मस्जिदों के कामकाज में हस्तक्षेप करने का इरादा नहीं है और विपक्ष ने इसे मुसलमानों को निशाना बनाने वाला और संविधान पर हमला बताया।
मीरवाइज ने कहा, ‘‘बोर्ड की संरचना में बदलाव समेत कई विवादास्पद प्रावधान इसमें प्रस्तावित किए गए हैं। गैर-मुस्लिमों को अब बोर्ड का हिस्सा बनाया जाएगा और एक गैर-मुस्लिम को बोर्ड का सीईओ भी बनाया जा सकता है, जो धार्मिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप है।