By विजयेन्दर शर्मा | Nov 21, 2021
पालमपुर। वन, युवा सेवायें एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने रविवार को जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र के राजकीय उच्च पाठशाला, लोअर खैरा मेें आयोजित 21वें जनमंच की अध्यक्षता की।
इस अवसर वन मंत्री ने कहा कि ‘जनमंच’ प्रदेश की जनता के लिए सरकार के साथ सीधा संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का मौके पर समाधान करने का एक महत्वकांक्षी कार्यक्रम है। जनमंच का मुख्य उद्देश्य जन शिकायतों के निपटारे की ऐसी व्यवस्था करना है, जिससेे लोगों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़े और उनकी शिकायतों का घरद्वार निष्पादन सुनिश्चित हो सके।
पठानिया ने कहा कि जनता की समस्याओं का समयबद्ध एवं त्वरित समाधान उपलब्ध करवाने के लिए ‘‘मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाईन’’ आरम्भ की गई है और इसके माध्य्म से कोई भी व्यक्ति 1100 नम्बर पर फोन कर अपनी समस्या दर्ज करवा सकता है, जिसका एक निश्चित अवधि में सम्बन्धित विभाग द्वारा समाधान किया जाना सुनिश्चित बनाया गया है। उन्होंने कहा कि जनमंच और ‘‘मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाईन’’ अपनी समस्याओं के त्वरित समाधान के चलते काफी लोकप्रिय कार्यक्रम है।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं जनमंच में आने वाली समस्याओं पर स्वयं नजर रखते है और इनके समाधान में हुई प्रगति की लगातार समीक्षा करते हैं।
वन मंत्री ने कहा कि कोविड काल में प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कुशल नेतृत्व में सराहनीय कार्य हुआ है । इसके लिये प्रदेश सरकार और प्रशासन बधाई का पात्र है। उन्होंने कहा कि यह गौरव की बात की प्रदेश ने कोविड वैक्सीनेशन की पहली डोज़ लगाने में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करके देश में पहला स्थान हासिल किया है और प्रदेश में 80% से अधिक लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज भी लग चुकी है। उहोने कहा कि वैक्सीनेशन पर लगभग 650 करोड व्यय किया गया है। उन्होंने लोगों को कोविड अनुरूप व्यवहार की कढ़ाई से अनुपालन की अपील की ताकि कोविड के खिलाफ लड़ाई को और बेहतर तरीके से लड़ा जा सके।
जनमंच में जैंद, वाहे-दा-पट्ट, छैंछड़ी, लाहट, रिट, भगैतर, पपलाह, कोटलू, गंदड़ और बदाहूं पंचायतों को शामिल किया गया था। जनमंच में विभिन्न विभागों से जुड़े कुल 68 मामले प्रेषित हुए जिनमें से अधिकांश का मौके पर निपटारा कर दिया गया। शेष समस्याओं का निपटारा अगले 10 दिनों के भीतर सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों को दिशा-निर्देश जारी किये गए। प्री-जनमंच में लोगों ने 29 समस्याएं का पंजीकरण करवाया था इसमें 17 समस्याओं का निवारण जनमंच दिवस से पूर्व किया जा चुका था, जबकि शेष समस्याओं के निराकरण पर कार्यवाही जारी है।
इस दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया जिसमें करीब 110 लोगों की स्वास्थ्य संबंधी जांच की गई। इसके अलावा 7 लोगों के कोविड रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाये गये, जिसमें सभी लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। कार्यक्रम के दौरान लगे शिविर में कोविड टीकाकरण कैम्प में 18 लोगों ने वैक्सीनेशन भी करवाया। इस अवसर पर आयुर्वेद विभाग द्वारा आयोजित निःशुल्क चिकित्सा शिविर में भी लोगों के स्वास्थ्य की जांच करवाई।
कार्यक्रम में विभिन्न विभागों ने स्टालों के माध्यम से विभागीय एवं सरकारी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी को प्रदर्शित किया । इस अवसर पर विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा भी तैयार उत्पादों के स्टॉल लगाये गए। वन मंत्री ने ‘‘एक बूटा बेटी के नाम’’ के तहत लोंगिणी ( छैंछड़ी) की बेटी इबाना के परिजनों को 5 औषधिय पौधे भेंट किये।पठानिया ने छः पात्र परिवारों को मुख्यमंत्री गृहणि सुविधा योजना के तहत निःशुल्क गैस चुल्हे और बेटी है अनमोल योजना के तहत दो लाभार्थी बच्चियों के परिजनों को 12-12 हजार रुपये तथा रेडक्रॉस सोसायटी की तरफ से 8 दिव्यांगजनो को व्हील चेयर और अन्य यन्त्र वितरित किये।
इससे पहले स्थानीय विधायक राविन्दर धीमान ने वन मंत्री का स्वागत किया और कहा कि सरकार का प्रयास है कि लोगों की समस्याओं का घरद्वार त्वरित एवं स्थाई समाधान के लिये जनमंच एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि जयसिंहपुर विधान सभा क्षेत्र में लोकनिर्माण विभाग के माध्यम से 143 करोड़, जलशक्ति विभाग के माध्यम से 223 करोड़ रुपये के कार्य प्रगति पर हैं। उन्होंने कहा कि वन विभाग के माध्यम से भी 3 विश्राम गृहों का कार्य प्रगति पर है।
जनमंच में लाभान्वित हुए लोगों ने प्रदेश सरकार का आभार जताया और हिमाचल सरकार की घरद्वार पर उनकी समस्याओं का त्वरित एवं स्थाई समाधान करने की इस अनूठी पहल की सराहना की। इस अवसर पर उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल, पुलिस अधीक्षक खुशहाल शर्मा, एडीसी राहुल कुमार, एसडीएम जयसिंहपुर पवन शर्मा, तहसीलदार सार्थक शर्मा, बीडीओ सुलाह सिकंदर कुमार सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तर के अधिकारी एवं पंचायती राज संस्थाओं के जन प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।