By Kusum | Aug 14, 2024
इन दिनों हर दूसरा व्यक्ति इंटरनेट में उलझा रहता है। वहीं अब इंटरनेट यूजर के ऊपर एक बार फिर से बड़ा खतरा मंडराने लगा है। दरअसल, ये खतरा गूगल क्रोम और माइक्रोसॉफ्ट एज के ब्राउजर एक्सटेंशन्स का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए है। इससे हैकर बड़ी आसानी से आपके कंप्यूटर में सेव सेंसिटिव डेटा, बैंकिंग डीटेल और पासवर्ड्स को चुरा सकते हैं।
साइबर सिक्योरिटी कंपनी Reason Labs की रिपोर्ट के अनुसार मैलवेयर वाले ये ब्राउजर एक्सटेंशन साल 2021 से यूजर्स को अपना शिकार बना रहे हैं। बता दें कि, रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभार में अब तक कम से कम 3 लाख गूगल क्रोम और माइक्रोसॉफ्ट एज यूजर इससे प्रभावित हो चुके हैं।
क्यों है खतरनाक?
इन मैलवेयर एक्सटेंशन को खतरनाक बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक ये एक्सटेंशन एक छोटे सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होते हैं, जो यूजर्स के ब्राउजिंग एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने का काम करते हैं। हैकर्स के मैलवेयर वाले एक्सटेंशन दिखने में असली टूल्स की तरह होते हैं और यूजर इस पर बिना शक किए इसे इंस्टॉल भी कर लेते हैं। एक बार इंस्टॉल हो जाने के बाद ये एक्सटेंशन सिस्टम में मौजूद सेंसिटिव डेटा के साथ पासवर्ड, ब्राउजिंग हिस्ट्री और बैंक डीटेल से जुड़ी जानकारियों को ऐक्सेस हैकर्स को दे देते हैं।
वहीं चिंता बढ़ाने वाली बात ये है कि एक्सटेंशन को डिलीट करने के बाद भी मैलवेयर कंप्यूटर में छिपा रहता है और सिस्टम ऑन होते ही ये एक्टिवेट हो जाता है। हैकर यूजर्स को इस मैलवेयर वाले एक्सटेंशन के जाल में फंसाने के लिए मैलवेयर+ एडवार्टाइजिंग ट्रिक का इस्तेमाल करते हैं।
अगर आप भी ये जानना चाहते हैं कि आपके कंप्यूटर में मैलवेयर है या नहीं, तो आपको सबसे पहले स्क्रीम गूगल क्रोम और एज से रीडायरेक्टर हो कर हैकर के सर्च पोर्टल पर ओपन होगी। इसके अलावा आप सिस्टम फोल्डर में भी फाइल्स को चेक करके इस मैलवेयर का पता लगा सकते हैं।