Guruvar Vrat: पहली बार करने जा रहे गुरुवार का व्रत तो जान ले यें नियम, हर बाधा से मिलेगी मुक्ति

FacebookTwitterWhatsapp

By अनन्या मिश्रा | Aug 03, 2023

Guruvar Vrat: पहली बार करने जा रहे गुरुवार का व्रत तो जान ले यें नियम, हर बाधा से मिलेगी मुक्ति

हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवता को समर्पित होता है। ऐसे में गुरुवार का दिन बृहस्पति देव और भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित होता है। कई लोग विष्णु भगवान की कृपा पाने के लिए गुरुवार का व्रत करते हैं। मान्यता के अनुसार, जो भी व्यक्ति पूरे नियम-धर्म से गुरुवार का व्रत कर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करता है। उस व्यक्ति को भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको गुरुवार व्रत से जुड़ी जानकारी और नियम के बारे में बताने जा रहे हैं।


कब से रखें गुरुवार का व्रत

अगर आप गुरुवार का व्रत करना चाहते हैं, तो किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के गुरुवार से व्रत शुरू कर सकते हैं। 

सिर्फ पौष माह में गुरूवार का व्रत नहीं करना चाहिए।

इसे भी पढ़ें: August Planets Effects: अगस्त में 4 बड़े ग्रह करेंगे राशि परिवर्तन, जानिए किस राशि के जातकों को होगा नुकसान

कितने गुरुवार रखें व्रत

किसी विशेष कार्य के लिए 16 गुरुवार व्रत करना चाहिए।

इसके बाद 17वें गुरुवार को व्रत का विधि-विधान से उद्यापन कर देना चाहिए।

आप 1,3,5, 7 व 9 साल तक भी गुरुवार का व्रत कर सकते हैं। 

इसके अलावा आप चाहें तो आजीवन गुरुवार का व्रत कर सकते हैं।


गुरुवार व्रत का महत्व

बता दें कि गुरुवार का दिन बृहस्पति ग्रह के अधीन होता है।

ज्योतिष के मुताबिक कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर होने से जीवन में कई तरह की परेशानियां आती हैं।

गुरुवार का व्रत करके बृहस्पति ग्रह को मजबूत किया जा सकता है।

इसके अलावा गुरुवार का व्रत करने से व्यक्ति को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।


गुरुवार व्रत की विधि

गुरुवार के दिन सूर्योदय से पहले स्नान आदि कर पीले रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद मन में भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। अब एक साफ चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर उस पर भगवान विष्णू की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करें। भगवान विष्णु को पीले फूल और पीला चंदन अर्पित करें। इसके बाद गुड़ और चने का भोग लगाएं या फिर पीले रंग की मिठाई भी चढ़ा सकती हैं। भगवान श्रीहरि विष्णु के मंत्रों का जाप करें और 'विष्णुसहस्त्रनाम' का पाठ करना चाहिए।


विष्णु चालीसा पढ़ने के बाद बृहस्पति देव का ध्यान करें। बता दें कि गुरुवार के व्रत में केले के पेड़ की पूजा अनिवार्य होती है। क्योंकि केले के पेड़ में गुरु बृहस्पति और भगवान विष्णु का वास होता है। भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की आरती करें। इसके बाद अपनी इच्छाशक्ति अनुसार दान करें। वहीं शाम के समय फलाहार करें और व्रत का पारण करें।


गुरुवार व्रत के लाभ

गुरुवार का व्रत करने से व्यक्ति को शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति मिलती है। 

नौकरी में लाभ के साथ ही व्यापार में तरक्की होती है।

गुरुवार का व्रत रखने से विवाह में हो रही देरी भी दूर होती है।

इसके अलावा गुरुवार का व्रत करने से किसी भी शुभ कार्य में बाधा नहीं आती है।

प्रमुख खबरें

DC vs KKR Highlights: घर में डूबी दिल्ली कैपिटल्स की नैया, कोलकाता नाइट राइडर्स ने दर्ज की 14 रन से जीत

WhatsApp पर जल्द मिलेगा ये नया फीचर, मैसेज और मीडिया पर ऐसे दे पाएंगे प्रतिक्रिया

IPL 2025: दुष्मंथा चमीरा ने लपकाकैच ऑफ द टूर्नामेंट, सुपरमैन की तरह हवा में उड़े

शिखर धवन की लताड़ के बाद भी नहीं सुधरा शाहिद अफरीदी, अब कर दी ये गिरी हुई हरकत