उत्तर इसके लिए राज्य सरकार रिटायर्ड जिला जज की अध्यक्षता में क्लेम ट्रिब्यूनल बनाएगी। सबसे अहम बात ये कि इसके फैसले को किसी भी अन्य न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकेगी। इस ट्रिब्यूनल को आरोपी की संपत्ति को अटैच करने का अधिकार होगा तथा ट्रिब्यूनल अधिकारियों को आरोपी का नाम, पता और फोटोग्राफ प्रचार और प्रसार करने का आदेश भी दे सकेगा। ताकि आम लोग उसकी संपत्ति की खरीदारी न करें।
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क्लेम ट्रिब्यूनल- नुकसान के आकलन के लिए क्लेम कमिश्नर भी तैनात कर सकेगा।
- क्लेम कमिश्नर की मदद के लिए एक सर्वेयर भी नियुक्त कर सकेगा।
- हर जिले में एक सर्वेयर नियुक्त कर सकेगा, जो कि तकनीकी विशेषज्ञ की तरह काम करेगा।
- क्लेम वसूली का आदेश दे सकेगा, जिसके पास न्यायालय का पूरा अधिकार होगा।
बता दें कि प्रदेश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलाने व संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से शासनादेश के जरिये क्षतिपूर्ति के लिए सक्षम अधिकारी नामित एडीएम ने कार्रवाई की थी। इसे कोर्ट में चुनौती दी गई। इस पर कोर्ट ने कानून बनाए बिना कार्रवाई पर सवाल उठाया था।