By अंकित सिंह | Apr 25, 2024
चुनावी मौसम में एक बार फिर से राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत सुर्खियों में आ गए हैं। हालांकि ऐसा उनके बयानों की वजह से नहीं हुआ है। बल्कि उनके पूर्व ओएसडी रहे लोकेश शर्मा के बड़े धमाके के बाद हुआ है। लोकेश शर्मा ने अशोक गहलोत को लेकर फोन टैपिंग वाला बम फोड़ा है जिसकी वजह से राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर से सियासत तेज हो गई है। भाजपा फिलहाल राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमलावर है। कहीं ना कहीं इस पूरे मामले को लेकर अब कांग्रेस राजस्थान में बैकफुट पर दिखाई दे रही है। लोकेश शर्मा के आरोपी को कांग्रेस पूरी तरीके से खारिश करती हुई भी नजर आ रही है।
लोकेश शर्मा ने दावा किया कि राज्य में 2020 में कांग्रेस सरकार को ‘‘गिराने’’ की साजिश के संबंध में गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस नेताओं के बीच टेलीफोन पर कथित बातचीत के तीन ऑडियो क्लिप तत्कालीन मुख्यमंत्री ने उन्हें मीडिया में प्रसारित करने के लिए एक पेन ड्राइव में दिए थे। उन्होंने कहा कि अगर जांच एजेंसी की तरफ इसकी मांग जाएगी तो वह अपने दावे के संबंध में अपने पास मौजूद सबूत दे देंगे। शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत पर अपने तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की छवि खराब करने की साजिश रचने, पायलट और अन्य कांग्रेस नेताओं के फोन सर्विलांस पर रखने, रीट पेपर लीक में शामिल होने और पार्टी आलाकमान को अंधकार में रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि तब डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने यहां तक कहा था कि जब वे अपना पक्ष बताना चाहते थे तब भी कोई उनकी बात नहीं सुन रहा था, इसलिए वे सभी एकजुट होकर पार्टी आलाकमान के पास पहुंचे. लेकिन जैसे ही सीएम अशोक गहलोत को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने सभी के फोन सर्विलांस पर लगा दिए और उन्हें ट्रैक कर रहे थे, जिसमें सचिन पायलट भी शामिल थे।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि आज राजस्थान में अशोक गहलोत की पूर्व सरकार की 'लूट', 'झूठ' और 'तानाशाही' का सबूत उन्हीं के द्वारा लीक हो गया है... और उन्होंने हमें बता दिया है कि राजस्थान की गहलोत सरकार सबसे भ्रष्ट थी.. इसकी पुष्टि सिर्फ मिस्टर लोकेश ने ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी के अन्य नेताओं ने भी की। उन्होंने दावा किया कि जो गहलोत सरकार जो भ्रष्टाचार कर रही है उसके बारे में बोलते थे. आज एक और तथ्य सामने आया है कि कैसे अशोक गहलोत अपने ही विधायकों और वरिष्ठ नेताओं की जासूसी कर रहे थे। क्या उन्हें सचिन पायलट पर भरोसा नहीं था? अब राहुल गांधी हमें बताएं कि जब वे देश भर में तानाशाही की बात करते हैं तो उनकी अपनी सरकार तानाशाही व्यवहार के कीर्तिमान स्थापित कर रही थी। अब उन्हें अपने ही नेताओं को जवाब देना होगा।
कांग्रेस या अशोक गहलोत की ओर से इसको लेकर कोई आधिकारिक बयान तो नहीं आया है। लेकिन पार्टी के नेता इस पूरे मामले को खारिज करते नजर आ रहे हैं। हालांकि भाजपा इस मसले को चुनावी मौसम में भुनाने की कोशिश करेगी। राजस्थान में अशोक गहलोत आज भी कांग्रेस के बड़े नेता है। उनके बेटे वैभव इस बार भी लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में कहीं ना कहीं भाजपा को अशोक गहलोत को घरने का बड़ा मौका मिल गया है। इसके साथ ही भाजपा यह बताने की कोशिश करेगी कि कैसे सचिन पायलट के खिलाफ अशोक गहलोत काम कर रहे थे। इससे भाजपा को गुर्जर वोट मिलने की उम्मीद बढ़ सकती है। हमने हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भी देखा कि कैसे सचिन पायलट को आगे न करने को लेकर गुर्जर कांग्रेस से नाराज हुए थे और इसका फायदा बीजेपी को हुआ। विधानसभा में मिली हार के बाद भी लोकेश ने कुछ इसी तरीके का आरोप लगाया था। ऐसे में एक बार फिर से उन्होंने गहलोत को लेकर बड़ा दावा किया है। फिलहाल इसका चुनाव पर क्या असर होता है, यह देखने वाली बात होगी।