नयी दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मई में अबतक भारतीय शेयर बाजारों में 37,316 करोड़ रुपये डाले हैं। मजबूत वृहद आर्थिक बुनियाद और शेयरों के उचित मूल्यांकन की वजह से भारतीय बाजारों के प्रति एफपीआई का आकर्षण बढ़ा है। यह पिछले छह माह में एफपीआई द्वारा शेयरों में किया गया सबसे अधिक निवेश है। इससे पहले उन्होंने नवंबर, 2022 में शेयरों में शुद्ध रूप से 36,239 करोड़ रुपये निवेश किया था। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘आगे चलकर अमेरिका की ऋण सीमा पर प्रस्ताव और घरेलू मोर्चे पर वृहद आर्थिक आंकड़े बाजार के लिए सकारात्मक साबित हो सकते हैं, जिससे विदेशी निवेशकों का प्रवाह बढ़ सकता है।
एसएएस ऑनलाइन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) श्रेय जैन ने कहा कि एफपीआई प्रवाह के लिए परिदृश्य में काफी सुधार हुआ है। इसकी वजह अमेरिका में मात्रात्मक कड़े चक्र का पूरा होना और वैश्विक बाजारों की तुलना में भारतीय बाजार का बेहतर प्रदर्शन है।’’ डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने दो से 26 मई के दौरान भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 37,317 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे पहले उन्होंने अप्रैल में शेयरों में 11,630 करोड़ रुपये और मार्च में 7,936 करोड़ रुपये डाले थे।
मार्च के निवेश में मुख्य योगदान अमेरिका के जीक्यूजी पार्टनर्स का रहा था, जिसने अडाणी समूह की कंपनियों में निवेश किया था। अगर जीक्यूजी के निवेश को हटा दिया जाए, तो मार्च का आंकड़ा भी नकारात्मक हो जाएगा। इसके अलावा इस साल के पहले दो माह में एफपीआई ने शेयरों से 34,000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की थी। शेयरों के अलावा एफपीआई ने मई में अबतक ऋण या बॉन्ड बाजार में 1,432 करोड़ रुपये डाले हैं। इस ताजा प्रवाह के साथ 2023 में अबतक एफपीआई भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 22,737 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं।