Prashant Kishor के आमरण अनशन का चौथा दिन, जन सुराज पार्टी प्रमुख ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव से समर्थन मांगा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 05, 2025

पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से समर्थन मांगा। आमरण अनशन के चौथे दिन किशोर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि वह इन नेताओं का ‘‘अनुसरण’’ करने के लिए तैयार हैं और अगर वे (दोनों नेता) उनकी (किशोर की) मौजूदगी के खिलाफ हैं, तो वह अनशन ‘‘वापस लेने’’ को तैयार हैं।


किशोर ने कहा, ‘‘मैं लोगों को बता देना चाहता हूं कि यह आंदोलन गैर-राजनीतिक है और मेरी पार्टी के बैनर तले नहीं किया जा रहा है। कल रात युवाओं ने युवा सत्याग्रह समिति (वाईएसएस) नाम से 51 सदस्यीय मंच गठित किया है जो इस आंदोलन को आगे बढ़ाएगा और प्रशांत किशोर इसका सिर्फ एक हिस्सा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘समर्थन देने के लिए सभी का स्वागत है, चाहे वह राहुल गांधी हों जिनके पास 100 सांसद हैं या तेजस्वी यादव जिनके पास 70 से ज्यादा विधायक हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये नेता हमसे कहीं बड़े हैं। वे गांधी मैदान में पांच लाख लोगों को इकट्ठा कर सकते हैं। ऐसा करने का यही सही समय है। युवाओं का भविष्य दांव पर है। हम एक क्रूर शासन झेल रहे हैं, जो महज तीन साल में 87 बार लाठीचार्ज का आदेश दे चुका है।’’

 

इसे भी पढ़ें: PM Modi से बदला लेने के लिए तैयार बैठी है दिल्ली की जनता, Arvind Kejriwal ने ऐसा क्यों कहा?


पूर्व चुनाव रणनीतिकार ने कहा, ‘‘नवगठित वाईएसएस के 51 सदस्यों में से 42 ने कल रात इस अंदोलन को जारी रखने का फैसला किया। वाईएसएस के सभी सदस्य अलग-अलग राजनीतिक संगठनों का हिस्सा हैं। लेकिन वे सभी युवाओं और छात्रों के हित के वास्ते आंदोलन के लिए एकजुट हो गए है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वाईएसएस पूरी तरह से एक गैर-राजनीतिक मंच है। मैं यहां केवल उनका समर्थन करने के लिए हूं... और यह आमरण अनशन जारी रहेगा। पटना में 29 दिसंबर को राज्य पुलिस का प्रदर्शन कर रहे बीपीएससी अभ्यर्थियों पर पानी की बौछारें करना और लाठीचार्ज करना, लोकतंत्र की हत्या थी।’’


किशोर ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि किसी भाजपा नेता में उस सरकार के खिलाफ बोलने की हिम्मत होगी, जिसका वह हिस्सा है, लेकिन अगर उनमें से कोई भी अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर समर्थन के लिए आता है तो उसका स्वागत किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राज्य के युवा अक्सर बोलते हैं कि संसदीय चुनावों में वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वोट देते हैं, किसी और को नहीं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद से बिहार के युवाओं को बदले में कुछ नहीं मिला है।’’

 

इसे भी पढ़ें: Gujarat के पोरबंदर में Coast Guard का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त, चालक दल के तीन सदस्यों की मौत


कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में हुए आंदोलन का उदाहरण देते हुए किशोर ने कहा, ‘‘मोदी सरकार को कई माह के बाद झुकना ही पड़ा था। एक दिन नीतीश कुमार सरकार को भी यहां के युवाओं के सामने झुकना पड़ेगा।’’


तीनों कृषि कानूनों को बाद में रद्द कर दिया गया था। जन सुराज पार्टी के संस्थापक बीपीएससी द्वारा 13 दिसंबर को आयोजित की गई एकीकृत 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर बृहस्पतिवार से आमरण अनशन पर हैं। हालांकि, बीपीएससी ने 13 दिसंबर की परीक्षा में शामिल हुए कुछ चुनिंदा समूह के लिए फिर से परीक्षा देने का आदेश दिया था। शनिवार को यहां 22 केंद्रों पर पुन:परीक्षा आयोजित की गई। पटना में 22 केंद्रों पर दोबारा परीक्षा हुई। कुल 12,012 अभ्यर्थियों में से लगभग 8,111 ने अपने प्रवेश पत्र डाउनलोड कर लिये थे। हालांकि, शनिवार को पुन:परीक्षा में 5,943 छात्र शामिल हुए। बीपीएससी ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि पुन:परीक्षा सभी केंद्रों पर शांतिपूर्ण तरीके से हुई और किसी भी तरह की गड़बड़ी की कोई सूचना नहीं है।

प्रमुख खबरें

HMPV in India: भारत में आए HMPV के मामले सामने, नागपुर में दो केस

Nepal Earthquake: नेपाल में आया तीव्र भूकंप, सिक्किम से लेकर बंगाल में महसूस हुए झटके

Delhi Assembly Election: आज होगा दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा चुनाव आयोग

Justin Trudeau Resigned: जस्टिन ट्रूडो ने दिया इस्तीफा, अगला PM चुने जाने तक कुर्सी पर बने रहेंगे