By अभिनय आकाश | Aug 13, 2020
तालीबान के पाकिस्तानी धड़े तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीपीपी ) के पूर्व प्रवक्ता ने एक बड़ा दावा किया है। 10 अगस्त को एक ऑडियो संदेश में एहसानुल्लाह एहसान ने दावा किया है कि पाकिस्तान सरकार न सिर्फ तालीबान की मदद कर रही थी, बल्कि अपने विरोधियों को वो तालीबान के हाथों मरवा भी रही थी। यही नहीं, पाकिस्तानी सरकार ने तालीबान के कुछ लड़ाकों को मिलाकर एक 'डेथ स्क्वॉड' भी बनाने की कोशिश में थी, जो सरकार के विरोधियों का चुन चुन कर खात्मा करती। एहसानुल्लाह ने कहा कि जो लिस्ट मुझे दी गई, उसमें से ज्यादा तर लोगों का संबंध खैबर पख्तूनख्वा से था और वो सब पश्तून थे।ये लोग समाज के हर तबके से तालुक रखते थे। जिनमें पश्तून पत्रकारों के नाम भी शामिल थे।
लेफ्टिनेंट जनरल आर तलत मसूद का कहना है कि पाक सेना को अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए और एहसान के दावों पर एक बयान जारी करना चाहिए। "एहसानुल्लाह एहसान निर्दोष नागरिकों की हत्याओं और पेशावर हमले में शामिल है और उसके भागने की भी जांच होनी चाहिए। हालांकि एहसान ने पेशावर स्कूल हमले में अपनी भूमिका से इनकार किया।
बता दें कि टीपीपी का पूर्व प्रवक्ता एहसानुल्लाह एहसान इस साल की शुरुआत में पाकिस्तानी कैद से फरार हो गया था। एहसान ने तालीबानी प्रवक्ता के तौर पर मलाला यूसुफजई, 2014 में वाघा बॉर्डर पर आत्मघाती हमले और अन्य आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली थी।