By Anoop Prajapati | Jan 09, 2025
महात्मा गाँधी के 1915 में दक्षिण अफ्रीका छोड़कर पूरी तरह से भारत लौटने के उपलक्ष्य में हर साल 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस धूमधाम से मनाया जाता है। भारत का मान विदेशों में बढ़ाने वाले तमाम लोगों का सम्मान करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। इस दिन उनकी उपलब्धियों को सम्मानित भी किया जाता है और उन्हें पुरस्कृत किया जाता है। यह दिवस महात्मा गांधी से भी जुड़ा हुआ है। इस अवसर पर प्रवासी भारतीय सम्मान देने की भी परंपरा है। यह सम्मान उन प्रवासी भारतीयों को दिया जाता है जिन्होंने इस समय बसे देश के अलावा भारत के विकास में अहम योगदान और सेवा दी हो।
प्रवासी दिवस की शुरुआत
साल 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय में प्रवासी भारतीय दिवस को शुरु करने घोषणा हुई थी। भारत का मान बढ़ाने वाले भारतवंशियों को सम्मानित करने के लिए इस दिवस की शुरुआत की गई थी। पहली बार ये दिन 9 जनवरी, 2003 को सेलिब्रेट किया गया था। दरअसल, 9 जनवरी की तारीख को इसलिए चुना गया है, क्योंकि इसी दिन 1915 में महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। देश वापसी करने के बाद उन्होंने भारत को आजाद कराने की जिम्मा उठाया और स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया। उनके प्रयास से भारतीयों का जीवन और भविष्य दोनों ही बदल गया था।
यह दिवस मनाने का उद्देश्य
विदेशों में खास उपलब्धि हासिल करने वाले भारतीयों को इस दिन सम्मानित किया जाता है। इस कार्यक्रम के जरिए भारत और प्रवासी भारतीयों के बीच एक पुल बनाने की कोशिश की जाती है। साथ ही, इसके जरिए विदेश निवेश को भी देश में बढ़ावा दिया जा सकता है। साल 2003 में इसको पहली बार मनाया गया था, इसके बाद इसे लगातार हर साल मनाया जाने लगा। हालांकि, साल 2015 में इसमें संशोधन किया गया और उसके बाद से हर साल के अंतराल के बाद भारतीय प्रवासी दिवस मनाया जाने लगा। इसको मनाने के लिए हर बार एक नया और खास थीम चुना जाता है। इस थीम के अनुसार ही भारत सरकार की ओर से सम्मेलन का आयोजन किया जाता है।
प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार
इस अवसर पर प्रवासी भारतीय सम्मान देने की भी परंपरा है। यह सम्मान उन प्रवासी भारतीयों को दिया जाता है जिन्होंने इस समय बसे देश के अलावा भारत के विकास में अहम योगदान और सेवा दी हो। समारोह के दौरान भारत के राष्ट्रपति की ओर से यह अवॉर्ड दिया जाता है।
आज प्रवासी भारतीय दिवस ओडिशा में होगा आयोजित
यह कार्यक्रम पहली बार ओडिशा में होने जा रहा है। इस कार्यक्रम का अयोजन ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में किया जाएगा। पिछली बार साल 2023 में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। इस कार्यक्रम की तैयारियां ओडिशा सरकार और भारत का विदेश मंत्रालय द्वारा की गई हैं। प्रवासी भारतीय दिवस की शुरूआत पहली बार साल 2003 में हुई थी। इस दिवस को मनाने के इतिहास महात्मा गांधी से जुड़ा है। साल 1915 में महात्मा गांधी जब दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे उसके बाद अंग्रेज़ों के खिलाफ आज़ादी की लड़ाई लड़ी थी।
प्रवासी भारतीय दिवस में पीएम और राष्ट्रपति होंगे शामिल
प्रवासी भारतीय दिवस के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी शामिल होंगे। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे और कल यानी 10 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इसका समापन करेंगी। खबरों के अनुसार इस कार्यक्रम में 50 से ज्यादा देशों के प्रवासी शामिल होंगे। इस दौरान कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी। जो वैश्विक दुनिया में प्रवासी युवा नेतृत्व, प्रवासी कौशल की कहानियां, हरित क्षेत्र- सतत विकास में प्रवासी भारतीयों का योगदान, नारी शक्ति- महिला नेतृत्व व प्रभाव का जश्न और प्रवासी संवाद- संस्कृति, जुड़ाव और अपनेपन की कहानियों पर आधारित होंगे।