By अंकित सिंह | May 26, 2023
नए संसद भवन को लेकर राजनीति जारी है। 20 विपक्षी दलों ने नई संसद के उद्घाटन समारोह को बहिष्कार करने का फैसला लिया है। उनकी मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बजाए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए। इन सब के बीच मोदी सरकार को जेडीएस का साथ मिला है। जानकारी के मुताबिक पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा नई संसद के उद्घाटन समारोह में शिरकत करेंगे। जेडीएस पार्टी के प्रवक्ता प्रताप कनगल ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तय हुआ है कि पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा नई संसद के उद्घाटन समारोह में शिरकत करेंगे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह किसी विशेष पार्टी या संगठन का कार्यक्रम नहीं है।
कर्नाटक के पूर्व सीएम और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी का भी बयान सामने आ गया है। एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि अब, वे (कांग्रेस) राष्ट्रपति के लिए बहुत सम्मान और स्नेह दिखा रहे हैं। फिर उन्होंने उसके खिलाफ उम्मीदवार क्यों खड़ा किया? उन्होंने कहा कि अब वे कह रहे हैं कि वे (भाजपा) आदिवासियों का अपमान कर रहे हैं। यह सब केवल लोगों का ध्यान हटाने और समाज के एक वर्ग से वोट हासिल करने के लिए है। कांग्रेस ने नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बृहस्पतिवार को निशाना साधते हुए कहा कि ‘एक व्यक्ति के अहंकार और स्व-प्रचार की इच्छा’ ने देश की प्रथम आदिवासी महिला राष्ट्रपति को इस भवन का उद्घाटन करने के संवैधानिक विशेषाधिकार से वंचित कर दिया है।
कांग्रेस, वाम दल, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी समेत 19 विपक्षी दलों ने संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की और आरोप लगाया कि केंद्र की मौजूदा सरकार के तहत संसद से लोकतंत्र की आत्मा को ही निकाल दिया गया है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को करना चाहिए और अगर ऐसा नहीं होता है तो उनकी पार्टी उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होगी। विपक्षी दलों द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने उनकी निंदा की और उसके इस कदम को भारत के लोकतांत्रिक लोकाचार और संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान करार दिया।