By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 16, 2021
बेंगलुरु। प्रख्यात कानूनविद, बिहार और झारखंड के पूर्व राज्यपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एम रामा जोइस का मंगलवार को निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि लेखक और इतिहासकार जोइस लंबे समय से उम्र संबंधी बीमारियों से ग्रस्त थे एवं हृदयगति रूकने से उनकी मौत हुई। उनका जन्म कर्नाटक के शिमोगा जिले में हुआ था और उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की जिम्मेदारी निभाई थी। वह राज्यसभा के भी सदस्य रहे।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने शोक संदेश में कहा कि जोइस ने निस्वार्थ भाव से राष्ट्र की सेवा की और न्यायपालिका, कार्यपालिका एवं विधायिका पर अपनी गहरी छाप छोड़ी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘‘ उन्होंने भारतीय न्यायपालिका में अहम योगदान दिया है। वर्ष 1975 में आपातकाल के दौरान लोकतंत्र को बहाल करने की उनकी कोशिश को हमेशा याद किया जाएगा।’’ केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा ‘‘ उनकी किताब ‘ द लीगल एंड कॉन्स्टीट्यूश्नल हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ अहम दस्तावेज है। उनके द्वारा लिखी ‘धर्म : द ग्लोबल एथिक’ उत्कृष्ट रचना है। ’’
मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने उनके निधन पर दुख जताया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ वह कानून के क्षेत्र के दिग्गज थे जिनके विचार विधि एवं संविधान पर लिखी उनकी किताबों में प्रतिबिंबित होते थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जोइस वर्ष 1975 से 1977 तक, आपातकाल के दौरान जेल में रहे।
जोइस को भाजपा के दिग्गज नेताओं अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी एवं अन्य के साथ बेंगलुरु की जेल में रखा गया था।
कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार ने कहा, ‘‘ प्राचीन भारतीय कानून एवं राज्य सरंचना पर उनका कार्य ज्ञान का हमेशा खजाना रहेगा।