By अभिनय आकाश | Aug 19, 2021
दुनिया में शांति कैसे कायम हो इसको लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक हो रही है। भारत ने अफगानिस्तान पर बयान दिया है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत हमेशा से हिंसा और आतंकवाद का शिकार रहा है। हमने आतंकवाद को झेला है। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद किसी भी रूप में हो उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। भारत के विदेश मंत्री ने साफ-साफ कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं हो सकता। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ देश आतंकवादियों का समर्थन कर रहे हैं। उन्हें सबको मिलकर रोकना होगा।
भारत ने अफगानिस्तान में हक्कानी नेटवर्क के आने को दुनिया के लिए खतरे की घंटी बताया है। भारत ने कहा कि इससे सतर्क रहना पड़ेगा और लश्कर व हक्कानी का साथ आना अच्छी खबर नहीं है। अफगानिस्तान में जैश ए मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा भी सक्रिय हैं। आतंकवाद पर यूएनएससी ब्रीफिंग में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 2008 मुंबई हमला, 2016 पठानकोट एयरबेस हमला, 2019 पुलवामा में हमारे पुलिसकर्मियों की आत्मघाती बमबारी। हमें इस बुराई से कभी समझौता नहीं करना चाहिए। दुनिया परसों आतंकवाद के पीड़ितों के लिए स्मरण और श्रद्धांजलि का चौथा अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाएगी। अगला महीना न्यूयॉर्क में 9/11 की त्रासदी के 20 साल भी होगा। हमारे अपने पड़ोस में, आईएसआईएल-खोरासन (आईएसआईएल-के) अधिक ऊर्जावान हो गया है और लगातार अपने पदचिह्न का विस्तार करने की कोशिश कर रहा है। अफगानिस्तान में होने वाली घटनाओं ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों के लिए उनके निहितार्थों के बारे में वैश्विक चिंताओं को स्वाभाविक रूप से बढ़ा दिया है।
यूएनएससी में विदेश मंत्री एस जयशंकर आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरों को उल्लेखित करते हुए कहा कि हम हमेशा याद रखें कि कोविड के बारे में जो सच है वह आतंकवाद के बारे में और भी सच है। हम में से कोई भी तब तक सुरक्षित नहीं है जब तक कि हम सभी सुरक्षित न हों।
विदेश मंत्रालय ने "अफगानिस्तान में सभी भारतीय नागरिकों को सहायता के लिए विशेष अफगानिस्तान सेल से संपर्क करने के संपर्क विवरण दिया है। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी इमरजेंसी नंबर- +91-11-49016783, +91-11-49016784, +91-11-49016785