By अंकित सिंह | Sep 22, 2022
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत में यूक्रेन मसले पर साफ तौर पर कहा है कि बातचीत और कूटनीति के जरिए ही समस्या का समाधान निकाला जाना चाहिए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष का प्रक्षेपवक्र पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में परेशान करने वाला प्रतीत होता है। वैश्वीकृत दुनिया में, इसका प्रभाव दूर के क्षेत्रों में भी महसूस किया जा रहा है। इसके साथ ही विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत सभी शत्रुताओं को तत्काल समाप्त करने और वार्ता और कूटनीति पर लौटने की आवश्यकता को दृढ़ता से दोहराता है।
डॉ एस जयशंकर ने यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया जिन्होंने हाल में ही कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं हो सकता। चीन पर परोक्ष तंज कसते हुए, जिसने कई मौकों पर पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को ब्लैकलिस्ट करने से बाधा उत्पन किया, विदेश मंत्री ने कहा कि यह खेदजनक है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में, जब दुनिया के कुछ सबसे खूंखार आतंकवादियों को मंजूरी देने की बात आती है, तो दण्ड से मुक्ति की सुविधा दी जा रही है और राजनीति जवाबदेही से बचने के लिए कवर प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि विश्वसनीयता सुनिश्चित करनी है तो निरंतरता होनी चाहिए।
इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य नहीं होना केवल ‘‘हमारे लिए ही नहीं’’ बल्कि इस वैश्विक निकाय के लिए भी सही नहीं है तथा इसमें सुधार ‘‘बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था।’’ जयशंकर से पूछा गया था कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने में कितना वक्त लगेगा ? उन्होंने कहा कि वह भारत को स्थायी सदस्यता दिलाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने बुधवार को कहा, ‘‘जब मैं कहता हूं कि मैं इस पर काम कर रहा हूं तो इसका मतलब है कि मैं इसे लेकर गंभीर हूं।’’