विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज कहा कि सरकार मछुआरों के कल्याण, सुरक्षा, हिफाजत और देखभाल सुनिश्चित करने को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और श्रीलंका सरकार को इस बात से दृढ़ता से अवगत कराया गया है कि मछुआरों पर बल प्रयोग किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं है। ‘पाक जलडमरूमध्य में भारतीय मछुआरों पर हुई गोलीबारी की घटना’ के बारे में संसद के दोनों सदनों में दिये अपने बयान में सुषमा स्वराज ने कहा कि मैं स्पष्ट तौर पर कहना चाहूंगी कि हमारी सरकार भारतीय मछुआरों की सुरक्षा, हिफाजत और देखभाल को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। सरकार ने हमारे मछुआरों को हिरासत में लिये जाने और 6 मार्च 2017 को तमिलनाडु के आए एक मछली पकड़ने वाले जहाज पर कथित तौर पर श्रीलंकाई नौसेना की गोलीबारी की घटना को तत्काल राजयनिक माध्यमों से श्रीलंका सरकार के समक्ष उठाया।विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस घटना पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमारे मछुआरों के साथ मानवतापूर्ण व्यवहार हो।
उन्होंने कहा कि श्रीलंका की ओर से गोलीबारी की इस घटना में नौसेना के शामिल होने की बात से इंकार किया गया है। इस विषय को उच्चायुक्त ने व्यक्तिगत रूप से श्रीलंका के प्रधानमंत्री और नौसेना कमांडर से बातचीत में उठाया। हमारे उपराष्ट्रपति ने भी हिंद महासागर रिम एसोसिएशन के नेताओं की शिखर बैठक में इस विषय को श्रीलंका के राष्ट्रपति के समक्ष उठाया। सुषमा ने बताया कि श्रीलंका के राष्ट्रपति ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना और मृत्यु पर अपना शोक व्यक्त किया, साथ ही इस बात को दोहराया कि उन्होंने इसकी शांतिपूर्ण जांच का आदेश दिया है। हम श्रीलंका सरकार के साथ इस मामले को उठाते रहेंगे। विदेश मंत्री ने कहा, ''मैं एक बार फिर से आश्वस्त करना चाहूंगी कि भारत सरकार मछुआरों के कल्याण, सुरक्षा, हिफाजत और देखभाल सुनिश्चित करने को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और श्रीलंका सरकार को इस बात से दृढ़ता से अवगत कराया गया है कि मछुआरों पर बल प्रयोग किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं है।’’