By प्रिया मिश्रा | Oct 07, 2021
आपने कई लोगों को कहते सुना होगा कि उनका कान बह रहा है। अधिकतर लोग कान बहने को हल्के में लेते हैं लेकिन कई बार इससे गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। कई मामलों में कान बहने के कारण कान का पर्दा फट सकता है और बहरेपन की शिकायत भी हो सकते है। कान के बाहर या भीतर पानी जैसे तरल पदार्थ या मवाद या खून के रिसाव को ही कान बहना कहते हैं। वैसे तो ये समस्या किसी को भी हो सकती है लेकिन बच्चों, कुपोषित लोगों, मियादी बुखार के रोगियों या तैराकों में कान बहने की समस्या सबसे ज्यादा देखी जाती है।
हमारे कान एक ट्यूब द्वारा नाक के पिछले और गले के ऊपरी हिस्से से जुड़े होते हैं। कई बार नाक और गले में होने वाली समस्याओं के कारण हमारा मध्य कान प्रभावित होता है। ऐसा होने पर कान में सूजन हो सकती है और यह ट्यूब बंद हो जाती है जिसके कारण कान के मध्य भाग में एक तरह का तरल पदार्थ इकट्ठा होने लगता है। दबाव बढ़ने पर यह तरल पदार्थ बाहर निकल आता है और इससे कान के पर्दे को नुकसान होता है।
कान बहने के कारण
किसी प्रकार का वायरल, बैक्टीरियल या फंगल इंफेक्शन
बाहरी कान में चोट लगने, फोड़ा-फुंसी होने या फफूंद लगना
वायु प्रदूषण
गले में संक्रमण
बुखार
कुपोषण
दांतों में इंफेक्शन
कान में लम्बे समय तक ईयर फोन लगाकर रखना
कान खुजाने के लिए नुकीली चीज डालना
साइनस
धूम्रपान
हमेशा कान दबाकर सोना
बरतें ये सावधानियाँ
बाहर घूम रहे कान की सफाई करने वालों से कान साफ ना करवाएँ
कान में किसी तरह की चीज ना डालें और कान से छेड़खानी न करें।
स्विमिंग करते वक्त ईयर प्लग्स का इस्तेमाल करें।
अगर पहले कभी इंफेक्शन हो चुका है, तो कानों में मोटी रुई या फिर ईयर प्लग्स का इस्तेमाल करें।
अगर बार-बार फंगल इंफेक्शन होता है, तो डायबीटीज जरूर चेक करवाएं क्योंकि डायबिटिक पेशंट को यह इंफेक्शन होता रहता है।
कानों में गर्म तेल न डालें।
- प्रिया मिश्रा