By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 30, 2020
नयी दिल्ली। साख निर्धारण और अन्य सेवाएं देने वाली एजेंसी फिच सोल्यूशंस ने सोमवार को अगले वित्त वर्ष 2020-21 के लिये भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को कम कर 4.6 प्रतिशत कर दिया है।कारोना वायरस महामारी के चलते निजी खपत कमजोर पड़ने और निवेश में कमी को देखते हुए एजेंसी ने यह कदम उठाया है।कोरोना वायरस का असर दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं पर देखा जा रहा है। फिच ने मंगलवार को समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर के 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमानव्यक्ति किया हुआ है। इस बीच, इंडिया रेटिंग्स ने भी अगले वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को कम कर 3.6 प्रतिशत कर दिया है।
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फिच सोल्यूशंस ने कहा, ‘‘ वित्त वर्ष 2020-21 के लिये वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 4.6 रहने का अनुमान है जबकि पूर्व में इसके 5.4 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी।हमने 2019-20 में 4.9 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि अनुमान के जरिये जो नरमी की बात कही थी, वह अब दिखाई दे रही है।’’ फिच सोल्यूशंस ने कहा कि पिछले सप्ताह घोषित 1.7 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के बावजूद आने वाले महीनों में निजी खपत में वृद्धि प्रभावित होने की आशंका है। एजेंसी के अनुसार वृद्धि का अनुमान कम करने का कारण निजी खपत में कमी तथा निवेश में गिरावट है। हालांकि, शुद्ध रूप से निर्यात योगदान अधिक होने और उच्च सरकारी खपत से कोरोना वायरस के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने में मदद मिलनी चाहिए। उसने यह भी कहा कि भारत में कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को देखते हुए अनुमान के और नीचे आने का जोखिम है।ऐसी आशंका है कि कोरोना वायरस के जो मामले दिख रहे हैं, वो अपेक्षाकृत कम हैं और यह फिलहाल शुरूआत लगती है।
फिच ने कहा, ‘‘कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली के साथ पहले से दबाव झेल रही स्वास्थ्य सुविधाएं भारत की संक्रमण को रोकने की क्षमता को प्रभावित करेंगे।इन सबका अर्थव्यवस्था खासकर 2020-21 की दूसरी छमाही में काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है। इससे पहले, पिछले सप्ताह स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने 2020-21 के लिये भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत से घटाकर 5.2 प्रतिशत कर दिया था। भारत ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिये 25 मार्च से 21 दिन केलिये देश भर में ‘लॉकडाउन’ की घोषणा की है। इस बीच, घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने भी कोरोना वायरस महामारी कोलेकर बढ़ रही चिंता के बीच वित्त वर्ष 2020-21 के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को कम कर 3.6 प्रतिशत कर दिया है। उसने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जून तिमाही में वृद्धि दर 2.3 प्रतिशत ही रहने की आशंका है जबकि चालू वित्त वर्ष की मार्च तिमाही में यह 4.7 प्रतिशत रह सकती है। एजेंसी ने कहा कि कोरोना वायरस का स्पष्ट प्रभाव चुनिंदा विनिर्माण क्षेत्रों में उत्पादन बाधित होने के रूप दिख रहा है। इसका कारण आपूर्ति श्रृंखला टूटना और पर्यटन, होटल तथा विमानन क्षेत्र पर प्रतिकूल असर पड़ना है।
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