By अनुराग गुप्ता | Jun 25, 2020
खरीफ की फसल की बात की जाए तो किसान सबसे ज्यादा धान की बुवाई करते हैं और सरकार ने धान की एमएसपी में 53 रुपए का इजाफा किया है और दूसरी तरफ धीरे-धीरे डीजल के दामों में लगातार इजाफा करती रही। डीजल की कीमतों में लगातार हो रहे इजाफे से किसान परेशान नजर आ रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि इस समय धान की बुवाई जोरो से चल रही है। महंगा डीजल होने की वजह से धान की बुवाई भी महंगी हो जाएगी। इसके साथ ही खाद और बीज लाने में अब ज्यादा पैसा खर्च होगा।
डीजल के बढ़े दामों ने बढ़ाई लागत !
एक तरफ सरकार ने एमएसपी बढ़ाकर किसानों को बेहतर आय का रास्ता दिखा दिया तो दूसरी तरफ जो किसानों को अतिरिक्त मुनाफा मिलने वाला था वह डीजल के बढ़े हुए दामों से कमतर हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब किसान की लागत ही बढ़ जाएगी इससे किसानों को क्या फायदा होगा।
एक किसान ने बताया कि यह समय धान की बुवाई करने का है। अगर अच्छी बारिश होती है तो भी कम से कम 4-5 बार पानी लगाना पड़ता है। ऐसे में पानी लगाने में डीजल की भी खपत होती है और डीजल के बढ़े हुए दामों की वजह से लागत काफी ज्यादा बढ़ जाएगी। ऐसे में एमएसपी बढ़ने से हमें कोई भी प्रॉफिट नहीं होगा।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक वीएम सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा एमएसपी में इजाफा किए जाने के बाद डीजल की कीमतों में 18 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है और इसकी सीधी मार किसानों पर पड़ रही है। इस दौरान वीएम सिंह ने सरकार से किसानों को एटीएफ यानी विमान ईंधन के दाम पर ही डीजल मुहैया कराने की मांग की ताकि किसानों को राहत मिल सके।
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दाम पहले की तुलना में काफी कम हुए हैं। ऐसे में लोग पेट्रोल-डीजल के दामों में गिरावट की उम्मीद लगाए हुए बैठे थे लेकिन सरकार लगातार तेल के दामों में बढ़ोतरी कर रही है। आलम यह है कि डीजल के दाम पेट्रोल से भी आगे निकल चुका है।