By अंकित सिंह | Jul 15, 2024
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता केशव प्रसाद मौर्य पर सभी की नजर है। उनके हर कदम को लोग समझने की कोशिश कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद वह काफी खामोश नजर आ रहे हैं। उपमुख्यमंत्री होने के बाद भी सरकार के कामों में उनकी दिलचस्पी नहीं दिख रही। यहीं कारण हैं कि उनको लेकर संगठन में वापसी की चर्चा जोरो पर है। वहीं, मौर्य ने भी अपने एक बयान में सरकार से ज्यादा पार्टी संगठन की प्रधानता पर जोर दिया है।
भाजपा की एक दिवसीय राज्य कार्यसमिति की बैठक के दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी की संरचना और उसका कैडर हमेशा सरकार से अधिक महत्व रखेगा। मौर्य ने कहा कि सभी मंत्रियों, विधायकों और जन प्रतिनिधियों को पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मान करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी गरिमा बरकरार रहे। अपने भाषण में, मौर्य ने हालिया लोकसभा चुनाव परिणामों पर विचार किया और स्वीकार किया कि वे पार्टी की उम्मीदों से कमतर रहे। उन्होंने इन चुनावी असफलताओं के लिए विपक्ष द्वारा प्रचारित "झूठ और धोखे" को जिम्मेदार ठहराया।
यहां यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि भाजपा ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन के संबंध में लखनऊ में गहन विश्लेषण किया और परिणाम से संबंधित हर प्रमुख बिंदु की पहचान करने का प्रयास किया। सभा को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संबोधित किया, लेकिन डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का बयान सुर्खियां बन गया है। बैठक में मौर्य ने कहा कि वह खुद को पहले भाजपा कार्यकर्ता मानते हैं फिर उप मुख्यमंत्री। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संगठन सदैव सर्वोच्च था, है और रहेगा।
उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा कि जो भी होता है घटनाक्रम,रचता स्वयं विधाता है। आज लगे जो दंड वही, कल पुरस्कार बन जाता हैं॥ निश्चित होगा प्रबल समर्थन,अपने सत्य विचार का। कर्मवीर को फर्क न पड़ता,कभी जीत और हार का॥ कार्यकर्ता ही मेरा गौरव व मेरा अभिमान है। उन्होंने कहा कि ''झूठ की मशीन'' बन चुके विपक्ष को जवाब देने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि 2027 में अगर सपा, बसपा और कांग्रेस एक भी हो जाएं तो भी हमें अपनी ताकत के दम पर 300 (403 सीटों में से) का लक्ष्य पार करना होगा. 2024 में जो भी कमी रह जाएगी, 2027 में प्रचंड बहुमत से भाजपा की सरकार बनाकर हम अपनी ताकत साबित करेंगे।