दतिया। मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उप चुनाव में अपने प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पर एफआईआर दर्ज हो गई है। प्रदेश के दतिया जिला प्रशासन द्वारा उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। ये एफआईआर सोमवार को दतिया जिले की भांडेर विधानसभा क्षेत्र में आयोजित चुनावी सभा में हाईकोर्ट के निर्देशों के विपरीत 100 से अधिक लोगों की भीड़ जुटाने को लेकर हुई है।
इसी आदेश के आधार पर भांडेर पुलिस ने एसडीएम अरविन्द माहौर की रिपोर्ट पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, भांडेर से कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया, जिलाध्यक्ष नाहर सिंह यादव, सहित कांग्रेस नेता रामपाल सिंह सेंगर, नारायण सिंह, रामकुमार तिवारी, राधेलाल एवं बृजकिशोर शिवहरे व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इन सभी पर कोरोना काल में हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन न करते हुए मंडी प्रांगण भांडेर में आयोजित सभा में 2000 से 2500 लोगों की उपस्थिति करने का आरोप लगाते हुए सीआरपीसी की धारा 144 कोविड-19 के निमयों का पालन ने होने की स्थिति में आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जिसमें मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ के कोविड-19 को लेकर दिए गए आदेश का हवाला दिया गया है।
वही कांग्रेस का आरोप है की सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की लोकप्रियता से डर कर प्रशासन पर कार्रवाई करने के लिए दबाव डाला है। कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा प्रवक्ता दुर्गेश केशवानी ने कहा इस समय जिले में आचार संहिता लगी हुई है। चुनाव आयोग के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन काम कर रहा है। ऐसे में किसी राजनीतिक दबाव की बात करना मूर्खतापूर्ण है। दरअसल, हाईकोर्ट ने कोरोना काल के बीच हो रही चुनावी सभाओं में उमड़ रही भीड़ को लेकर लगाई गई जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा था की यदि कोरोना काल में किसी राजनीतिक सभा में 100 से अधिक लोगों की भीड़ एकत्र होती है तो आमजन फोटो खीच कर शिकायत कर सकता है, जिसके आधार पर पुलिस एवं प्रशासन कार्रवाई कर सकता है।