'हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ', प्रधानमंत्री के इस मंत्र को जपना सबकी जिम्मेदारी

By बालानाथ राय | Mar 23, 2020

कोरोना वायरस / COVID-19 किसी देश के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा संकट है। आज हमें एकजुट होकर इस समस्या के सन्दर्भ में जागरूक होना होगा। कोरोना वायरस के दुनिया भर में बढ़ते प्रकोपों को देखते हुए यह प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है कि इस ख़तरनाक वायरस का असर समाज में न फैले। इसके लिए सरकार द्वारा दिये गये आदेशों का पालन करना चाहिए। ऐसा ना करके हम स्वयं को तो ख़तरा में डालेंगे ही साथ में पूरे समाज को भी इस महामारी के मुँह में डालने का अपराध करेंगे।


विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा कोरोना वायरस को वैश्विक महामारी घोषित किया जा चुका हैं, पूरा विश्व इस समय बहुत बड़े गम्भीर दौर से गुज़र रहा है। जब प्रथम व द्वितीय विश्वयुद्ध हुआ था तब भी इतने देश युद्ध में प्रभावित नहीं हुए थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी देश को एहतियात बरतने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा है कि भारत के 130 करोड़ों लोगों ने कोरोना वायरस का डटकर मुकाबला किया है। बीते कुछ दिनों से ऐसा लग रहा है कि जैसा कि हम बचे हुए हैं, ऐसा लगता है कि हम निश्चिंत हो गए हैं लेकिन ऐसा सही नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि कोरोना वायरस को लेकर बेफ़िक्र हो जाना सही नहीं है। 

 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हैं कि आज हमें ये संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे। पीएम ने कहा कि इस तरह की वैश्विक महामारी में, एक ही मंत्र काम करता है- हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ। ऐसी स्थिति में जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं है तो हमारा खुद का स्वस्थ बने रहना सबसे बड़ी आवश्यकता है। भारत में इस महामारी से बचने के जो प्रयास किये जा रहे हैं उनकी सराहना पूरे विश्व में हो रही है। 


कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर सार्क देशों ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए इस महामारी से बचने के उपायों पर चर्चा की थी। सभी देशों ने इस मामले में सभी देशों को हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया। प्रधानमंत्री की इस पहल से साबित होता है कि भारत ना सिर्फ़ अपनी धरती पर कोरोना का जंग लड़ने के लिए तत्पर है बल्कि अपने आसपास के देशों को भी हर सम्भव मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। 


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के नाम अपना संदेश दिया कि कोरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं है बल्कि सतर्कता बरतने की ज़रूरत है। लोग थोड़ी-सी भी अगर सतर्कता बरतेंगे तो हम इस महामारी से जंग जीत लेंगे। विभिन्न देशों में इस वायरस को लेकर दिन-रात काफ़ी शोध किये जा रहे हैं उन शोधों से यह बात निकल करके सामने आई है कि नरम सतह पर कोरोना वायरस का दो दिन तक ज़िन्दा रहता है और कठोर सतह पर यह नौ दिन तक भी ज़िन्दा रह सकता है। इस हिसाब से वो हवा में यह तीन घण्टे से ज़्यादा और ताँबे व शीशे में इसकी मौजूदगी चार या पांच घण्टे से ज़्यादा देर तक नहीं हो सकती है।

 

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आईये आज हम सब मिलकर संकल्प लें कि जनता कर्फ्यू में घर पर ही रहेंगे। आज ही नहीं बल्कि जब तक कोरोना वायरस समाप्त न हो जाए तब तक घर से बाहर ना निकलें, बेहद ज़रूरी काम हो तभी घर से बाहर निकलेंगे। ऐसा करने से हम स्वयं की रक्षा नहीं बल्कि अपने परिवार, समाज एवं राष्ट्र की रक्षा करेंगे और हमें उन सेवा कर्मियों का भी उत्साहवर्धन करना चाहिए जो अपनी जान जोखिम में डालकर हमें सुरक्षित रखे हुए हैं।


-बालानाथ राय

(लेखक एवं कवि)

 

 

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