By अंकित सिंह | Aug 05, 2022
आज ही के दिन 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ी बात कही थी। हालांकि, जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दल लगातार इसका विरोध करते रहे। फिलहाल, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया गया है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती लगातार जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का विरोध करती रहते हैं। आज 5 अगस्त के मौके पर जम्मू कश्मीर के कई राजनीतिक दलों ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के विरोध में प्रदर्शन का ऐलान किया था। इन सबके बीच खबर यह भी आए कि जम्मू कश्मीर प्रशासन की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस सुप्रीमो फारुख अब्दुल्ला को नजरबंद कर लिया गया है।
नेशनल कांफ्रेंस के इसी दावे को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। जम्मू कश्मीर पुलिस की ओर से साफ तौर पर कहा गया है कि यह एक फर्जी खबर है जो कि प्रसारित की जा रही है। हमने नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के कुछ नेताओं को गुपकर रोड पर नजरबंद किया है। यह पूरी तरह से बेबुनियाद है। दरअसल, फारूक अब्दुल्ला को नजरबंद करने का दावा उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की ओर से किया गया था। अपने ट्वीट में उमर अब्दुल्ला ने लिखा था कि ऐसा लगता है कि उन्हें इस ट्रक को किसी मजबूरीवश द्वार के बाहर खड़ा करना पड़ा क्योंकि यह एक मूर्खतापूर्ण कार्य है (पूरी तरह से अवैध होने के अलावा)। वह कार्यालय गए, नमाज पढ़ने गए, शोक व्यक्त करने गए। आज जब उन्हें कहीं और नहीं जाना था, तो ट्रक आ गया।
पार्टी प्रवक्ता ने ट्वीट किया कि पार्टी मुख्यालय में एक बैठक की अगुवाई के बाद लौटे फारूक अब्दुल्ला को नजरबंद किया गया है। हालांकि, पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि आतंकवादी हमले की आशंका के मद्देनजर गुपकर रोड के कुछ स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था। पुलिस प्रवक्ता ने अब्दुल्ला और मुफ्ती के आवासों के बाहर की ताजा तस्वीरें भी पोस्ट कीं जिनमें सुरक्षा वाहनों की कोई मौजूदगी नहीं दिख रही है।