लखीमपुर खीरी में समाप्त हुआ किसानों का आंदोलन, भविष्य की रणनीति के लिए छह सितंबर को दिल्ली में बैठक

By अंकित सिंह | Aug 20, 2022

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में लगभग 3 दिनों से जारी किसानों का आंदोलन अब समाप्त हो गया है। बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह तुरंत निर्णय लिया गया है। किसानों के आंदोलन में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत भी शामिल हुए थे। राकेश टिकैत की ओर से आंदोलन वापस लेने की घोषणा की गई है। साथ ही साथ यह भी कहा गया है कि भविष्य की रणनीति तय करने के लिए 6 सितंबर को दिल्ली में एक बड़ी बैठक होगी। आपको बता दें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी समेत विभिन्न मांगों को लेकर किसानों का यह आंदोलन चल रहा था। किसानों की ओर से 75 घंटे के आंदोलन के बाद कहीं गई थी। हालांकि, आज अधिकारियों से बैठक के बाद इसकी समाप्ति की भी घोषणा की गई है। शुक्रवार को इस आंदोलन को राकेश टिकैत ने संबोधित किया था।

 

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अपने संबोधन में टिकैत ने साफ तौर पर किसानों से कहा था कि बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन के लिए उन्हें हर समय तैयार रहना होगा। इसके साथ ही यह भी कहा कि राष्ट्रव्यापी आंदोलन कब, कहां और किस तरह से होगा, इसका निर्णय उचित समय पर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा लिया जाएगा। राकेश टिकैत की ओर से दावा किया गया था कि अगर संयुक्त किसान मोर्चा कमजोर होता है तो सरकार किसानों पर हावी हो जाएगी जो कि सही संकेत नहीं है। किसानों के इस आंदोलन में न्यूनतम समर्थन मूल्य का भी मुद्दा उठा। इस आंदोलन को देश के अलग-अलग हिस्सों से आए किसान नेताओं का भी समर्थन हासिल था। आपको बता दें कि लखीमपुर खीरी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का पैतृक जिला है। पिछले साल अक्टूबर महीने में ही यहां गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर किसानों को कुचलने का आरोप लगा था। 

 

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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री पर निशाना साधते हुए राकेश टिकैत ने अपने संबोधन में कहा, पूरा देश तिकुनिया हिंसा के बारे में अच्छी तरह से जानता है और यह भी सबको पता था कि हिंसा भड़काने वाले कौन थे। अजय कुमार मिश्रा को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी का आरोपी बताते हुए टिकैत ने कहा, यह विडंबना है कि मंत्री अब भी अपने पद पर बने हुये हैं। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी अपराध करने के लिए आपराधिक साजिश से संबंधित है। टिकैत ने कहा कि 75 घंटे लंबे धरने के बाद भी किसानों को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहना चाहिए। टिकैत ने कहा कि गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को बर्खास्त करने के अलावा जेल में बंद निर्दोष किसानों की रिहाई, एमएसपी गारंटी कानून, बिजली संशोधन विधेयक 2022 को वापस लेने, गन्ना बकाया का भुगतान और सरकार के भूमि अधिकार समेत कई अन्य मुद्दे किसानों के सामने हैं। उन्‍होंने जोर देते हुए कहा, अजय कुमार मिश्रा का मुद्दा किसानों के आंदोलन के दौरान शीर्ष पर बना रहेगा, चाहे वे कर्नाटक, उप्र या देश के किसी अन्य हिस्से में हों।’’ 

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