मंदसौर। मध्य प्रदेश के हिंसाग्रस्त जिले में किसान आंदोलन के संबंध में आज सात मामले दर्ज किए गए और 62 लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस अधीक्षक ओम प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि हिंसा की विभिन्न घटनाओं के संबंध में मामले दर्ज किए गए हैं। जिले में गोलीबारी के मद्देनजर त्रिपाठी का तबादला किया गया है। इस गोलीबारी में पांच किसानों की मौत हो गई। त्रिपाठी ने नए कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोगों को बुधवार को बरहेडा पंत इलाके में मंदसौर के पूर्ववर्ती कलेक्टर एसके सिंह के साथ धक्का मुक्की करने के मामले में भी हिरासत में लिया गया है।
उन्होंने बताया कि पिपलिया मंडी के नगर निरीक्षक अनिल सिंह ठाकुर को किसानों पर गोलीबारी के संबंध में फील्ड ड्यूटी से हटा दिया गया है। राकेश चौधरी को नए नगर निरीक्षक के तौर पर स्थानांतरित किया गया है। आज कार्यभार संभालने वाले श्रीवास्तव ने कहा कि वह एक ‘‘चुनौतीपूर्ण स्थिति’’ का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं हालात को समझने की कोशिश कर रहा हूं।’’ पश्चिमी मध्य प्रदेश में किसान फसलों के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समेत कई मांगों को लेकर एक जून से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसानों के आंदोलन के हिंसक होने पर मंगलवार को पांच लोगों की मौत हो गई थी। किसानों ने निषेधात्मक उपायों के बावजूद पश्चिमी मध्य प्रदेश में बुधवार को हिंसा एवं आगजनी की जिससे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने बड़ी चुनौती पेश हो गई और विपक्षी दलों को सरकार के खिलाफ एकजुट होकर उसे घेरने का मौका मिल गया। स्थिति के मद्देनजर केंद्र ने हिंसाग्रस्त राज्य में आरएएफ के 1100 जवानों को भेजा है जहां किसान ऋण माफी एवं फसलों की बेहतर कीमतों के लिए आंदोलन कर रहे हैं। चौहान सरकार ने कुछ कदमों का ऐलान करके तनाव कम करने की कोशिश की है जिसमें ऐसे किसानों के लिए कर्ज समझौता योजना शामिल है जिन्होंने फसल के वास्ते लिए गए कर्ज का भुगतान नहीं किया है। सरकार के मुताबिक, योजना करीब छह लाख किसानों को कवर करेगी जिनका 6,000 करोड़ रूपये बकाया है।