By अंकित सिंह | May 24, 2023
देश में नए संसद के उद्घाटन को लेकर राजनीतिक बवाल जारी है। कांग्रेस सहित विपक्ष के 19 राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे हैं। इन सब के बीच महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस का बड़ा बयान सामने आया है। देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने जो निर्णय लिया है वह यह दर्शाता है कि इनका लोकतंत्र और लोकतंत्र के मंदिर पर विश्वास नहीं है। यह केवल भारत की लोकसभा की इमारत नहीं है, यह नए भारत की ताकत की इमारत है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि 1975 में इंदिरा गांधी जी ने संसद की एनेक्सी बिल्डिंग का उद्घाटन किया था, राजीव गांधी जी ने संसद की लाइब्रेरी का भूमि पूजन किया था क्या यह लोकतंत्र विरोधी था?
कुछ ऐसा ही सवाल केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इससे पहले पूछा था। उन्होंने कहा था कि अगस्त 1975 में, तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने संसद एनेक्सी का उद्घाटन किया, और बाद में 1987 में पीएम राजीव गांधी ने संसद पुस्तकालय का उद्घाटन किया। उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि अगर आपकी (कांग्रेस) सरकार के मुखिया उनका उद्घाटन कर सकते हैं, तो हमारी सरकार के मुखिया ऐसा क्यों नहीं कर सकते? हालांकि, इसके जवाब में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि संसद का निर्माण अंग्रेजों के जमाने में हुआ था। राष्ट्रपति भवन भी ब्रिटिश काल में बना था तो उसका उद्घाटन इंदिरा गांधी कैसे कर सकती थीं? अगर कोई भवन के एक हिस्से का उद्घाटन करता है तो वह अलग बात है। राष्ट्रपति द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन किया जाना चाहिए।
टीएमसी नए भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने वाली पहली पार्टी थी। इसके बाद आम आदमी पार्टी (आप), कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के गुटों (सीपीआई (एम), सीपीआई), जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू), राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), सहित 18 अन्य दलों द्वारा इसका अनुसरण किया गया। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), शिवसेना (UBT), विदुथलाई चिरुथिगल काची (VCK), समाजवादी पार्टी (SP), झारखंड मुक्ति मोर्चा, केरल कांग्रेस (मणि), राष्ट्रीय लोक दल (RLD), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML), नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP), और मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम भी नए भवन के उद्घाटन का बहिष्कार कर रही है।