By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 19, 2024
नयी दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर बृहस्पतिवार को श्रीलंका के दौरे पर जायेंगे। लगातार दूसरी बार विदेश मंत्री बनने के बाद यह उनका पहला द्विपक्षीय विदेश दौरा होगा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह यात्रा भारत की ‘पड़ोसी प्रथम नीति’ की पुष्टि करती है तथा श्रीलंका के प्रति भारत की निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, क्योंकि यह देश उसका ‘‘निकटतम’’ समुद्री पड़ोसी है और समय की कसौटी पर खरा उतरने वाला दोस्त है।
मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर की यात्रा से दोनों देशों के बीच संपर्क परियोजनाओं एवं अन्य क्षेत्रों में पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को गति मिलेगी। जयशंकर पिछले सप्ताह इटली के अपुलिया क्षेत्र में जी-7 आउटरीच शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। दूसरे कार्यकाल के लिए 11 जून को विदेश मंत्री का पदभार संभालने के बाद जयशंकर की यह श्रीलंका की यात्रा पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेश मंत्री श्रीलंकाई नेतृत्व के साथ व्यापक मुद्दों पर बैठक करेंगे। इसमें कहा गया है, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के बाद विदेश मंत्री की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी।’’
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत की पड़ोसी प्रथम नीति की पुष्टि करते हुए, यह यात्रा श्रीलंका के प्रति भारत की निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, क्योंकि यह उसका सबसे करीबी समुद्री पड़ोसी और समय की कसौटी पर खरा उतरा दोस्त है।’’ इसमें कहा गया है, यह यात्रा संपर्क परियोजनाओं और विभिन्न क्षेत्रों में अन्य पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को गति प्रदान करेगी। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे भारत के पड़ोस और हिंद महासागर क्षेत्र के उन सात शीर्ष नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने नौ जून को राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया था।