By रेनू तिवारी | Sep 01, 2023
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को 1995 के दोहरे हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई। सिंह को 1995 में कथित तौर पर उनके खिलाफ मतदान करने के लिए दो व्यक्तियों की गोली मारकर हत्या करने का दोषी पाए जाने के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है, जिसमें कहा गया था कि यह मामला "हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली का एक असाधारण दर्दनाक प्रकरण" था।
18 अगस्त को जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस अभय एस ओका और विक्रम नाथ की पीठ ने सिंह को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 और 307 के तहत अपराध का दोषी ठहराया।
सजा की अवधि पर दलीलें सुनने के बाद पीठ ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। मामले में अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को दोनों पीड़ितों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का भी निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि एक विस्तृत आदेश अपलोड किया जाएगा।
यह मामला मार्च 1995 में बिहार के सारण जिले के छपरा में विधानसभा चुनाव के मतदान के दिन दो लोगों की हत्या से जुड़ा था। शीर्ष अदालत ने बिहार के महाराजगंज से कई बार सांसद रह चुके सिंह को दोषी ठहराते हुए कहा था कि इसमें रत्ती भर भी संदेह नहीं है कि सिंह ने उनके खिलाफ सबूतों को ''मिटाने'' के लिए हर संभव प्रयास करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।