सेहतमंद रहना है तो 30 साल की उम्र के बाद हर महिला को जरूर करवाने चाहिए 7 मेडिकल टेस्ट

By प्रिया मिश्रा | Apr 21, 2022

महिलाएं अपनी ज़िन्दगी में कई तरह के किरदार बखूबी निभाती हैं। लेकिन एक अच्छी माँ, पत्नी और बहन बनने की जद्दोजहद में कहीं ना कहीं अपनी सेहत को नज़रअंदाज़ कर देती हैं। बढ़ती उम्र के साथ-साथ महिलाओं में ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ और कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है इसलिए नियमित जांच करवाना बेहद ज़रूरी है। आज के इस लेख में हम आपको बताऐंगे कि 30 की उम्र का पड़ाव पार करने के बाद महिलाओं को कौन से मेडिकल टेस्ट करवाने ज़रूरी हैं। ये सभी ज़रूरी मेडिकल टेस्ट करवाने से आप किसी भी गंभीर बीमारी से समय रहते अपना बचाव कर सकती हैं। इसके साथ ही अपने खान-पान और जीवनशैली को बेहतर बना कर आप खुद को स्वस्थ रख सकती हैं।

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विटामिन डी 

बढ़ती उम्र की महिलाओं में विटामिन डी की कमी बहुत आम है।  शरीर में विटामिन - डी 3 की कमी से हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं  जिससे कमर और घुटनों में दर्द आदि जैसी समस्याएं पैदा होती है।  30 साल की उम्र के बाद यह समस्या और ज़्यादा बढ़ जाती है इसलिए 30 साल की उम्र के बाद महिलाओं को विटामिन डी की जांच करवाना बेहद ज़रूरी है।   


थायरॉइड फंक्शन टेस्ट 

आजकल थायरॉइड की समस्या आम हो गई है।  हाल ही में एक रिसर्च में पाया गया है कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में थायरॉइड की समस्या होने का खतरा 10 गुना ज़्यादा होता है।  30 साल की उम्र के बाद महिलाओं को थायरॉइड टेस्ट ज़रूर करवाना चाहिए।  अगर आपको वजन लगातार बढ़ने या घटने,  थकान, बॉडी पेन या पीरियड्स रेगुलर ना होने जैसे लक्षण दिखाई दें तो अपना थायरॉइड टेस्ट ज़रूर करवाएं। 


मैमोग्राफी स्क्रीनिंग 

आजकल की बदलती लाइफस्टाइल के कारण ब्रेस्ट कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से ग्रसित महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।  वैसे तो प्यूबर्टी के बाद से ही लड़कियों को समय-समय पर अपनी ब्रेस्ट का सेल्फ-एग्जाम करने की सलाह दी जाती है।  यदि ब्रेस्ट में किसी तरह की गाँठ या सूजन महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें, जिससे समय रहते इलाज हो सके।  इसके साथ 30 साल की उम्र के बाद महिलाओं को हर साल मैमोग्राफी स्क्रीनिंग जांच करवाने की सलाह दी जाती है जिससे ब्रेस्ट में गाँठ या कैंसर का पता लगाया जा सकता है।

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पैप स्मीयर टेस्ट 

पैप स्मीयर टेस्ट से सर्विक्स (गर्भाशय) कैंसर का पता लगाया जा सकता है। महिलाओं में आजकल सर्विक्स कैंसर का खतरा काफी ज़्यादा बढ़ गया है इसलिए 30 साल की उम्र के बाद महिलाओं को यह टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है जिससे गर्भाशय में किसी तरह के संक्रमण या सूजन का पता लगाकर समय रहते इलाज किया जा सके।  


ब्लड प्रेशर 

अकसर बढ़ती उम्र की महिलाओं में ब्लड प्रेशर की समस्या देखी जाती है। आजकल की भाग-दौड़ और तनाव भरी जीवनशैली में ब्लड प्रेशर की समस्या होना आम है।इससे किडनी, हार्ट और स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है इसलिए 30 साल की उम्र के बाद नियमित ब्लड प्रेशर जांच करवानी चाहिए।  


कोलेस्ट्रॉल  टेस्ट 

शरीर के मेटाबॉलिज़्म को सही रखने के लिए कोलेस्ट्रॉल  बेहद ज़रूरी है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल  की मात्रा अधिक बढ़ने से धमनियों में ब्लॉकेज और दिल की बीमारी होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। 30 साल की उम्र के बाद कोलेस्ट्रॉल  जांच ज़रूर करवाएं और साथ ही अपने खानपान पर भी ध्यान दें।  


डायबिटीज़ टेस्ट 

उम्र बढ़ने के साथ-साथ डायबिटीज होने का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। 30 साल की उम्र के बाद महिलाओं में कई प्रकार के शारीरिक बदलाव आते हैं जिससे डायबिटीज़ यानि मधुमेह होने का खतरा रहता है। ऐसे में यदि आपका वजन या कोलेस्ट्रॉल ज़्यादा है या आपको ब्लड प्रेशर की बीमारी  है तो आपको अत्यधिक सावधान रहने की ज़रुरत है। बढ़ती उम्र की महिलाओं को नियमित डायबिटीज़ टेस्ट करवाना चाहिए।

 

- प्रिया मिश्रा 

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