By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 23, 2019
नयी दिल्ली। सरकार की ओर से जल्द ही जारी होने वाली राष्ट्रीय ई-वाणिज्य नीति का लक्ष्य मेक इन इंडिया एवं डिजिटल इंडिया की मौजूदा नीतियों के साथ-साथ एक ऐसा रूपरेखा ढांचा तैयार करना है, जिससे क्षेत्र में समग्र वृद्धि हासिल की जा सके। एक अधिकारी ने कहा, मसौदा नीति को जल्द ही किसी भी समय जारी किया जा सकता है। पीटीआई को प्राप्त मसौदा नीति में कहा गया है, डेटा संरक्षण और निजता के बढ़ते महत्व के संदर्भ में राष्ट्रीय ई-वाणिज्य नीति का लक्ष्य सीमा पार डेटा प्रवाह को विनियमित करना है ..... । उसके अनुसार नीति की शर्तों का उन कारोबारी घरानों को पालन करना होगा,जिनकी विदेशों में भारतीय उपयोगकर्ताओं से जुड़ी संवेदनशील जानकारी तक पहुंच है।
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उसमें कहा गया है, नीति के तहत ग्राहक की सहमति होने के बावजूद डेटा को किसी तीसरे पक्ष या कंपनी से साझा नहीं किया जा सकता है। नीति की शर्तों के उल्लंघन पर (भारत सरकार द्वारा तय) कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, कुछ खास श्रेणियों के डेटा को सीमा पार डेटा प्रवाह के प्रतिबंधों से अलग रखा गया है।
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ऐसे आंकड़े जिनका संकलन भारत में नहीं किया गया हो, वाणिज्यिक समझौते के तहत दो कंपनियों के बीच के कारोबारी आंकड़े, सॉफ्टवेयर और क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाओं के जरिए आंकड़ों का प्रवाह (जिसका किसी व्यक्ति या समाज पर कोई असर ना पड़े), बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा आंतरिक तौर पर साझा किये जाने वाले आंकड़ों (ई-वाणिज्य मंचों, सोशल मीडिया की गतिविधियों, सर्च इंजन जैसे स्रोंतों से भारत में यूजर द्वारा एकत्र डेटा को छोड़कर)को आंकड़ों के सीमा पार प्रवाह से छूट दी गयी है। मसौदे के मुताबिक, नीति में निवेशकों, विनिर्माताओं, लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों, व्यापारियों, खुदरा कारोबारियों, स्टार्टअप और उपभोक्ताओं सहित सभी हितधारकों के हितों को ध्यान में रखा गया है।