By अंकित सिंह | Jun 24, 2022
महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट का दौर लगातार जारी है। शिवसेना वर्तमान में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। शिवसेना में नंबर दो की हैसियत रखने वाले एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लगभग 40 से ज्यादा विधायक बागी हो चुके हैं। यही कारण है कि शिवसेना में टूट बड़ी दिखाई दे रही है। इन सबके बीच कहीं ना कहीं उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे पार्टी पदाधिकारियों को एकजुट रखने की कोशिश में जुट गए हैं। दोनों नेताओं ने पार्टी पदाधिकारियों को साफ तौर पर कह दिया है कि सूखे पत्ते को जाने दो, हरे पत्ते फिर आ जाएंगे। आपको बता दें कि एकनाथ शिंदे के बगावत के बाद से ही उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री आवास छोड़ दिया है और वे मातोश्री आकर रह रहे हैं।
आदित्य ठाकरे का बयान
इसी कड़ी में आज आदित्य ठाकरे पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में शामिल हुए। उन्होंने युवा सेना के लोगों को भी संबोधित किया इस दौरान आदित्य ठाकरे ने बागी विधायकों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कुछ लोग ऐसे के लिए बिक चुके हैं। आदित्य ठाकरे ने कहा कि सत्ता तो आती-जाती रहती है। लेकिन जनता उस काम का समर्थन करती है जो उद्धव ठाकरे ने पिछले ढाई सालों में किया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि ज्यादा की बोली लगी तो परिवार के सदस्य ने ही धोखा दे दिया। आदित्य ठाकरे की ओर से कहा गया कि हम सत्ता के लालची नहीं है। पहले भी लोगों ने शिवसेना को धोखा दिया है। शिवसेना के युवा नेता ने कहा कि जब हम वर्षा से बाहर निकल रहे थे, तो सड़क पर खड़े शिव सैनिकों के आंखों में आंसू थे। वहां मौजूद हर स्टाफ के आंखों में आंसू थे।
इसी दौरान महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों की उस समय मेरी मां ने कहा कि अगर हमें एनसीपी और कांग्रेस ने धोखा दिया होता तो इतना बुरा नहीं लगता। लेकिन हमें धोखा अपनों ने दिया है। जिनको हमने पाला था। उन्होंने ही हमें बड़ा धोखा दिया है। इसके साथ ही आदित्य ठाकरे ने यह भी कहा कि कोरोना काल में मुख्यमंत्री किसी से नहीं मिल पाए। यह स्वाभाविक भी था। लेकिन, उन्होंने इसका फायदा उठा लिया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि किसी को ना रोको, जो जाना चाहते हैं उन्हें जाने दो। सब मानो प्राइस टैग लगा कर चले गए हैं। आपको बता दें कि शिंदे वर्तमान में शिवसेना के कम से कम 38 बागी विधायकों और 10 निर्दलीय विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने दावा किया है कि उनके नेतृत्व वाला गुट ‘असली शिवसेना’है।