शिवराज सरकार और शराब कारोबारियों में ठनी, अभी तक सरकार को 600 करोड़ का राजस्व घाटा

By दिनेश शुक्ल | May 26, 2020

भोपाल। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार और शराब कारोबारियों के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। जहाँ अपनी माँगों को लेकर शराब व्यवसायी हाई कोर्ट की शरण में चले गए है तो वही दूसरी तरफ लॉकडाउन शुरू होने से लेकर अब तक राज्य सरकार को 600 करोड़ रूपए का राजस्व घाटे का अनुमान है। शराब ठेकेदारों ने मांगें पूरी नहीं होने के चलते सोमवार शाम से शराब दुकानें बंद कर दी हैं। मंगलवार को राज्य में 70% दुकानें बंद हो चुकी हैं, बाकी बुधवार तक बंद हो जाएंगी। हालांकि कुछ शराब ठेकेदार इस फैसले के खिलाफ हैं।

 

इसे भी पढ़ें: मध्य प्रदेश राजभवन में कोरोना संक्रमित मिलने के बाद राज्यपाल के निजी स्टाफ में किया गया बदलाव

इसी माह 05 मई को सरकार और ठेकेदारों के बीच सहमति के बाद दुकानें खुलनी शुरू हुई थीं। इसके बावजूद मई माह तक सरकार को 600 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा हुआ है। वही शराब ठेकेदार लॉकडाउन में लाइसेंस फीस को लेकर हाईकोर्ट में अर्जी लगा चुके हैं। इस पर 27 मई को हाईकोर्ट सुनवाई करेगा। ठेकेदार लॉकडाउन में लाइसेंस फीस कम करने, शराब की वास्तविक बिक्री पर एक्साइज ड्यूटी लेने आदि मांग कर रहे हैं। 

 

इसे भी पढ़ें: मुख्यमंत्री चौहान ने की मंत्रियों से चर्चा, आत्मनिर्भर भारत में होगा मध्य प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान

जबकि सरकार ने 10% महंगी दरों और दो महीने का ठेका अवधि बढ़ाने पर मंजूरी दी है, लेकिन इसके बावजूद भी विवाद नहीं सुलझ पाया है। इस दौरान भोपाल, इंदौर, उज्जैन, शहडोल, छिंदवाड़ा, ग्वालियर, सिंगरौली, दतिया, सीधी, अनूपपूर और शिवपुरी की दुकानें बंद हो चुकी है। जबकि हरदा, रायसेन, खरगोन में दुकानें खुलेंगी। प्रदेश में 3605 शराब दुकानें है। इसमें विदेशी 1061 और देशी 2544 दुकानें है।


प्रमुख खबरें

Giani Zail Singh Death Anniversary: देश के पहले सिख राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के कार्यकाल में किया गया था ऑपरेशन ब्लू स्टार

AAP का क्रिसमस सरप्राइज, सेंटा अवतार में नजर आए केजरीवाल, Video वायरल

बेटे की हत्या के दोषी पिता को आजीवन कारावास की सजा

JDU ने फिर किया साफ, NDA में सबकुछ ठीक, नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेंगे बिहार चुनाव