By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 23, 2019
नयी दिल्ली। निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा के बारे में पता चला है कि उन्होंने आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में असहमति और अल्पमत विचार को आदेश का हिस्सा बनाने पर अपने रुख के बारे में लिखित में चुनाव आयोग को बता दिया है। हालांकि, अभी यह पता नहीं चला है कि उन्होंने क्या लिखा है। समझा जाता है कि बुधवार को आयोग की पूर्ण बैठक में उन्होंने कहा कि चूंकि चुनाव आयोग के आदेश संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत जारी किए जाते हैं, इसलिए प्रचार पर पाबंदी से जुड़े मामले में वे सभी प्रशासनिक फैसले से बढ़कर होते हैं।
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सूत्रों ने बताया कि जरूरत पड़ने पर लवासा अपनी राय फिर से लिखित में देने के इच्छुक थे। संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत निर्वाचन आयोग को विभिन्न शक्तियां मिली हुई है। समझा जाता है कि उन्होंने कहा कि फैसले लेने से पहले और निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए राय ली जाती है। लिहाजा असहमति को आदेश का हिस्सा बनाना जरूरी है।
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लवासा द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा के लिए बुधवार को हुई बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और आयुक्त सुशील चंद्रा ने आदर्श आचार संहिता उल्लंघन संबंधी आदेश में अल्पमत आदेश को शामिल करने की उनकी मांग को ठुकरा दिया था।